हिसार को सूखा घोषित करवाने की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन, सरकार के सामने रखी मांगें
punjabkesari.in Tuesday, Sep 12, 2023 - 08:22 PM (IST)

हिसार (विनोद सैनी) : जिले को सूखा घोषित करने, सूखे से बर्बाद फसलों की स्पेशल गिरदावरी और मुआवजे की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से क्रांतिमान पार्क में इकट्ठा होकर उपायुक्त कार्यालय तक प्रदर्शन किया। इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा के भी कई नेता मौजूद रहे। प्रदर्शन की अध्यक्षता किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर नंबरदार ने की और संचालन जिला सचिव सतबीर धायल ने किया। उपायुक्त के कार्यालय में न मिलने पर प्रदर्शनकारी किसान नाराज हुए, जिस पर उपस्थित अधिकारियों ने कल उपायुक्त से बात करवाने का आश्वासन दिया। किसानों ने स्पेशल गिरदावरी करवाने और सूखा घोषित करने के लिए प्रशासन को एक हफ्ते का समय दिया है, अन्यथा किसान सभा आंदोलन तेज करेंगे।
उन्होंने कहा कि आधा हरियाणा बाढ़ में और आधा हरियाणा सूखे से ग्रस्त है, लेकिन हरियाणा सरकार किसी की सुधि नहीं ले रही। फसलों की बरबादी के बाद भी न तो मुख्यमंत्री और न ही प्रशासन की ओर से कोई ध्यान दे रहा। ज्वार, मूंग, धान, नरमा आदि सूख चुके हैं, नहरी पानी नहीं है, गुलाबी सुंडी के कारण नरमा खराब हो गई है। किसान सरकार और प्रशासन की ओर देख रहा है परंतु उन्होंने मौन साध लिया है। इस बर्बादी के चलते किसान काफी आर्थिक नुकसान झेलने को मजबूर है। किसान सभा का एक प्रतिनिधि मंडल 5 सितम्बर को कृषि मंत्री से मिला था। सूखे की मांग पर उन्होंने कहा कि इसके लिए जिला प्रशासन/डीसी रिपोर्ट भेजेंगे परंतु डीसी कह रहे हैं कि सरकार की तरफ से ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि 2020, 2021 का घोषित मुआवजा नहीं मिला है। 2022 का मुआवजा पेंडिंग है। 67 गांव का बीमा नहीं किया गया। प्रदर्शन में आशा वर्करों ने भी भागीदारी की। किसान सभा ने प्रदर्शन के दौरान आशा वर्कर्स की मांगों के समर्थन का भी प्रस्ताव पारित किया।
प्रदर्शन की मुख्य मांग इस प्रकार हैं
हिसार जिला को सूखा घोषित किया जाए और इसके लिए स्पेशल गिरदावरी के आदेश दिए जाएं और नुकसान की भरपाई की जाएं। 2020, 2021 का घोषित और 2022 का लंबित मुआवजा दिया जाए और 67 गांव का 2022 का बकाया बीमा तुरंत दिया जाए। गुलाबी सुंडी से बर्बाद नरमा का मुआवजा दिया जाए। नहरों में टेलों तक पूरा पानी पहुंचे और जोहड़ों में पशुओं के लिए पीने का पानी डाला जाए। मण्डी में कपास तौलाई के वक्त 500 ग्राम प्रति क्विंटल कटौती बन्द की जाए। कृषि भूमि का रिकार्ड दुरस्त किया जाए ताकि मुआवजा व बीमा क्लेम बांटने में आसानी रहे। जल भराव का स्थाई समाधान किया जाए। एमएसपी की गारंटी दो। आशा वर्कर की जायज मांगों को पूरा करो।
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