बीपीएस मेडिकल कॉलेज में 105 स्टॉफ नर्सों के चयन में हुई गड़बड़ी, स्वास्थ्य मंत्री ने ठप की प्रक्रिया

punjabkesari.in Thursday, Nov 02, 2017 - 09:16 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): सोनीपत जिले के गोहाना स्थित भगत फूल सिंह राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में 105 स्टाफ नर्सों की चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जिसपर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने संबंधित प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। बता दें कि 105 पदों के लिए आठ हजार से अधिक आवेदन आए हुए थे।  मेडिकल एजुकेशन एवं रिसर्च के निदेशक ने एचसीएस अधिकारी हेमा शर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमिटी का गठन और लिखित आदेश जारी करके एक सप्ताह में पूरी रिपोर्ट तलब की है। कमेटी में एचसीएस अधिकारी हेमा शर्मा अध्यक्ष व दो सदस्यों में आरती सिंह एडीए व सुशील कुमार शर्मा मुख्य एकाउंट्स ऑफिसर शामिल हैं।

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भगत फूल सिंह राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय गोहाना में 8 अगस्त से 10 अगस्त तक 105  स्टाफ नर्सों के पदों के लिए चयन प्रक्रिया के लिए बनी स्कू्रटनी कमेटी के सदस्यों डॉक्टर उमा गर्ग, श्री मति मुन्नी शर्मा, श्री मति सुशीला चौधरी, निहारिका, किशन चंद, देवेंद्र कुमार ने निदेशक मेडिकल एजुकेशन एवं रिसर्च के समक्ष एफिडेविट दिया। इस भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी का आरोप भगत फूल सिंह राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय गोहाना के डायरेक्टर पर लगाए। जिसमें आवेदन फॉर्म लेते वक्त कई निर्देशों की अवहेलना का भी जिक्र किया है।

हरियाणा के स्वास्थ्य व खेल मंत्री अनिल विज का कहना है कि भगत फूल सिंह राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय गोहाना में स्टाफ नर्सों की भर्ती की शिकायतों पर उच्च स्तरीय जांच हो रही है। रिपोर्ट आने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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डॉक्यूमेंटस चेकिंग कमिटी ने एफिडेविट में बताया कि, इन रिक्त पदों के लिए अप्रैल/मई 2017 में विज्ञापन निकाला गया था। जबकि इस कमिटी का गठन ही 8 अगस्त को उस वक्त किया गया जब इंटरव्यू होने थे। डॉक्युमेंट्स वेरीफिकेशन के वक्त बहुत सी अनियमितताएं सामने आई, मगर निदेशक के मौखिक आदेशों के चलते दरकिनार कर दिया गया। 8 अगस्त को जो इंटरव्यू की लिस्ट तैयार की थी उसमें कई नाम शामिल नहीं थे, मगर उनके भी इंटरव्यू लिए गए। स्क्रूटनी कमिटी ने सरकार से जांच की मांग की है कि स्टाफ नर्सों की भर्ती के लिए आए आठ हजार आवेदनों में से 321 उम्मीदवारों की सूची किसने फाइनल की, जो उमीदवार 321 की सूची में शामिल नहीं थे, उन्हें इंटरव्यू के लिए किसने बुलाया इत्यादि तरह के गंभीर आरोप लगाए गए।


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