ईडी की टीम ने वाटिका बिल्डर पर मनी लॉड्रिंग मामले में कसा शिकंजा,108 करोड़ की संपत्ति अटैच
punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 10:35 PM (IST)
गुड़गांव, (ब्यूरो): प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गुरुग्राम कार्यालय ने बिल्डर-निवेशक मामले में वाटिका लिमिटेड से संबंधित एक बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत करीब 108 करोड़ रुपए मूल्य के एक कमर्शियल जमीन (करीब 1.35 एकड़) को अस्थायी रूप से प्रोविजनली अटैच किया है। ईडी ने यह जांच 2021 में आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली द्वारा वटिका लिमिटेड और इसके प्रमोटरों अनिल भल्ला, गौतम भल्ला और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और बेईमानी से निवेशकों/खरीदारों को प्रेरित करने से संबंधित धाराओं 120 बी और 420 आईपीसी के तहत दर्ज कई मामलों के आधार पर शुरू की थी।
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ईडी की जांच में पता चला कि वटिका लिमिटेड ने निवेशकों को उच्च मूल्य वाले भविष्य की परियोजनाओं के लिए निवेश करने के लिए आकर्षित किया था, जिसमें परियोजना पूरी होने तक सुनिश्चित रिटर्न और उसके बाद लीज-रेंट रिटर्न का वादा किया गया था। हालांकि, कंपनी ने बीच में ही सुनिश्चित रिटर्न देना बंद कर दिया और संबंधित फ्लैट भी निवेशकों को नहीं सौंपे, जिससे आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी नही करने का अपराध हुआ।
जांच में यह भी सामने आया कि कंपनी ने समय-समय पर डीटीसीपी से प्राप्त लाइसेंसों के गैर-नवीनीकरण के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है, जिसके कारण परियोजनाओं के पूरा होने के संबंध में समय-सीमा में चूक हुई। जांच के निष्कर्षों के अनुसार, 659 निवेशकों ने चार परियोजनाओं में करीब 248 करोड़ रुपए का निवेश किया था। जिनमें वाटिका आईएक्सटी सिटी सेंटर टावर डी,ई व एफ गुरुग्राम, वाटिका माइंडस्केप्स टावर-सी, फरीदाबाद, वाटिका टावर्स टावर-सी, गुरुग्राम व वाटिका हाई स्ट्रीट (वी लांटे का हिस्सा), गुरुग्राम शामिल हैं। हालांकि, कई साल बाद भी, ये परियोजनाएं या तो पूरी नहीं हुई हैं या कंपनी द्वारा टाल दी गई हैं, और आज तक कोई ‘कन्वेंस डीड’ निष्पादित नहीं की गई।
वर्तमान मामले में, ईडी ने पहले ही 68.59 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को कुर्क किया था, जिसकी पुष्टि ‘एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी’ ने कर दी है। इस प्रकार, मामले में कुल अस्थायी कुर्की लगभग 176 करोड़ रुपए हो गई है। इसके अलावा, ईडी ने इसी साल 21 मई को वाटिका लिमिटेड, इसके प्रमोटरों अनिल भल्ला, गौतम भल्ला और वटिका समूह की अन्य कंपनियों के खिलाफ पीएमएलए, 2002 के तहत गुरुग्राम की विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष एक ‘अभियोजन शिकायत’ भी दायर की है। ईडी ने बताया है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है।