अनिल विज लगभग 3 घंटे तक हरियाणा सचिवालय में रहे, चाहने वालों का चलता रहा सेल्फी अभियान
punjabkesari.in Tuesday, Aug 06, 2024 - 09:48 PM (IST)
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज मंत्री पद पर नहीं होने के बावजूद लगातार अपने इलाके के कामों के लिए सचिवालय भी आए। एक आम नागरिक और विधायक होने के बावजूद जनता के दिल में विज की एक खास छवि है, जो उन्हें दूसरे मंत्री और विधायकों से अलग बनाती है। मंत्री ना रहते हुए भी अनिल विज लगातार अंबाला कैंट और अंबाला वासियों के विकास के लिए सचिवालय में मंत्रियों से मुलाकात के अलावा केंद्र सरकार से भी तालमेल बिठाए हुए हैं। फिर वह चाहे अंबाला रेज के पुलिस कर्मचारियों की प्रमोशन का मामला हो या फिर एयरपोर्ट बनाने का। हर मामले को लेकर विज ने गंभीरता से लिया और उसे पूरा करवाकर ही दम लिया।
अनिल विज लगभग 3 घंटे तक हरियाणा सचिवालय में रहे।वह शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा से मिले, वा कमरे में आठवी मंजिल में काफी देर बैठे।यह कमरा जब विज मंत्री थे तब इन्हें अलॉट था।विज के हरियाणा सचिवालय आने के खबर मिलते ही सचिवालय के कर्मचारियों और विज के चाहने वालों का सेल्फी अभियान भी चलता रहा।
सेना से लेनी पड़ी थी जमीन
अंबाला में बन रहे एयरपोर्ट का काम आज अंतिम चरण में है, लेकिन इसका निर्माण होना कोई आसान काम नहीं था। एयरपोर्ट के लिए चुनी गई जमीन में से विभाग के अधिकारियों ने हवाई जहाज के लैंड के लिए एक्वायर की गई जमीन को अनफिट बताते हुए नई जमीन तलाशने को कहा था। अचानक से जमीन अनफिट होने पर अनिल विज और प्रशासन ने नए स्थान की तलाश शुरू की। कई स्थानों की जमीन के सैंपल लिए गए। अंत में जिस जमीन को सही पाया गया, वह सेना के अधिकार की जमीन थी। अब सेना से जमीन लेना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन अनिल विज ने इसे एक चैलेंज के रूप में लिया और लगातार दो साल तक जमीन की फाइल लेकर इधर से उधऱ भटकने के बाद सेना के कब्जे वालील जमीन एयरपोर्ट के लिए मिल पाई।
अंबाला रेंज के पुलिस कर्मियों को दिलाई पदोन्नति
हरियाणा में पिछले अनेक सालों से अंबाला रेंज के तहत आने वाले पुलिस कर्मचारियों के साथ प्रमोशन को लेकर भेदभाव हो रहा था। गृह मंत्री बनने के बाद जब मामला अनिल विज के सामने आया तो उन्होंने अधिकारियों से उसे तुरंत दुरुस्त करने को कहा। अनिल विज ने मंत्री पद छोड़ दिया, लेकिन पुलिस कर्मियों की प्रमोशन का मामला हल नहीं हुआ। अनिल विज लगातार इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए थे। पुलिस विभाग छोड़ने के बाद भी वह लगातार गृह विभाग संभाल रहे मुख्यमंत्री नायब सैनी और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपर्क में रहे। कई बार वह मामले को लेकर सचिवालय में भी आए। अंत में अब उनकी पहल पर अंबाला रेंज के पुलिस कर्मियों को भी दूसरे रेंज के पुलिस कर्मियों के समान प्रमोशन का तोहफा मिला। इससे पहले दूसरी रेंज में भर्ती हुआ एक हेड कांस्टेबल प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर बन जाता था, जबकि अंबाला रेंज का पुलिस कर्मी हेडकांस्टेबल ही रहता था। अनिल विज की पहल के बाद अंबाला रेंज के पुलिस कर्मियों के साथ हो रहे इस भेदभाव को अब खत्म कर दिया गया है।
रोने लग गए थे कर्मचारी
आज एनएचएम के कर्मचारी हड़ताल पर है। इससे पहले सरकारी अस्पताल के डॉक्टर भी हड़ताल कर चुके हैं, लेकिन अनिल विज के स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए वह खुद ही अपने पास मौजूद सभी विभाग के कर्मचारियों को बुलाकर अधिकारियों को उनके समक्ष बैठाकर उनकी मांगे सुनकर उन्हें पूरा करने की कोशिश करते थे। अनिल विज ने बताया कि इसी प्रकार से उन्होंने एक विभाग के कर्मचारियों की मांगे जानने के लिए उन्हें बुलाया तो उनके पास पहुंचते ही वह लोग रोने लग गए थे, क्योंकि उससे पहले कभी भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई थी।
अंबाला के लिए गौरव की बात
आज अगर कहें कि पूर्व मुख्यमंत्रियों के अतिरिक्त केवल अनिल विज वह शख्स हैं, जिनका मान सम्मान और वोट बैंक प्रदेश के कोने-कोने में मौजूद है, तो गलत नहीं होगा। आज तक के इतिहास में कोई अतीत या वर्तमान का कोई मंत्री इस मुकाम को हासिल नहीं कर पाया तो यह भी गलत नहीं होगा। चौ0 चांद राम, पंडित रामविलास शर्मा, वीरेंद्र सिंह और चौ0 मंगलसेन जैसे कुछ नेता जाति विशेष के नेता के रूप में प्रदेश भर में पहचान जरूर रखते हैं, किंतु सर्व समाज में बड़ी लोकप्रियता स्थापित करने में अभी तक केवल अनिल विज ही कामयाब रहे हैं। जो उनके तथा उनकी विधानसभा के लोगों के लिए बेहद गौरव की बात है।
हर किसी के सुख-दुख में होते हैं शामिल
अनिल विज अंबाला ही नहीं, बल्कि आसपास की विधानसभा क्षेत्रों में अपने जानकारों और परिचितों के हर कार्यक्रम में शामिल होते हैं। किसी को कोई तकलीफ होने पर विज बिना किसी संकोच के उनके साथ खड़े रहते हैं। इसके लिए यदि उन्हें रात में भी कहीं जाना पड़े तो वह इससे भी पीछे नहीं हटते। अनिल का खुला दरबार भी पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध हुआ था। प्रदेश भर से आने वाले फरियादियों की संख्या इतनी अधिक होती थी कि कईं बार विज का आधी रात तक बैठकर उनकी समस्याएं सुनना पड़ती थी। इस दौरान कभी भी उन्होंने किसी से कोई नाराजगी नहीं की, बल्कि अंतिम फरियादी तक की शिकायत सुनी और उस पर एक्शन भी लिया।