लाखों रुपए खर्च कर भी प्रशासन नहीं रोक पाया पंजाब के किसानों का रास्ता

punjabkesari.in Saturday, Nov 28, 2020 - 12:12 PM (IST)

जींद: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के संगरूर, लुधियाना, पटियाला के 15,000 से ज्यादा किसानों का रास्ता जींद प्रशासन 4 दिन में लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी नहीं रोक पाया। पंजाब के किसानों की गांधीगिरी और दिल्ली जाने का जुनून जींद प्रशासन के पंजाब के किसानों को दातासिंहवाला बॉर्डर पर पंजाब की सीमा में रोकने पर भारी पड़ा। इन किसानों का रास्ता रोकने के लिए तैनात पुलिस बल से लेकर पुलिस की वाटर कैनन, वज्र वाहनों, आंसू गैस के गोले दागने वाले किसी भी साजो-सामान के इस्तेमाल की नौबत नहीं आई और पंजाब के किसान बिना किसी तरह के टकराव के शांतिपूर्णक जींद की सीमा से होकर दिल्ली के लिए रोहतक की सीमा में दाखिल हो गए। 

जींद के दातासिंहवाला बॉर्डर पर पंजाब के 15,000 से ज्यादा किसान बुधवार से डेरा डाले बैठे थे। उनकी तादाद बॉर्डर पर लगातार बढ़ती गई। शुक्रवार को जब किसानों के हुजूम ने दिल्ली जाने के लिए जींद की सीमा में अपने कदम रखे तो प्रशासन उनके बढ़ते कदमों को नहीं रोक पाया। जींद प्रशासन को पंजाब के किसानों की गांधीगिरी के आगे नतमस्तक होना पड़ा और जींद के डी.सी. डा. आदित्य दहिया तथा डी.आई.जी. ओ.पी. नरवाल जींद पुलिस के 700 से ज्यादा जवानों, आई.आर.बी. की 2 कम्पनियों और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों के साथ किसानों के रास्ते से खुद हट गए। जींद प्रशासन ने पंजाब के किसानों को दातासिंहवाला बॉर्डर पर ही रोकने की कवायद पर पिछले 4 दिनों में लाखों रुपए खर्च कर दिए।

इस पैसे से पुलिस और प्रशासन के 50 से ज्यादा वाहन 3 दिन से जींद और नरवाना से दातासिंहवाला तक की दूरी नाप रहे थे। रैपिड एक्शन फोर्स और आई.आर.बी. की कम्पनियों की मूवमैंट पर भी लाखों रुपए खर्च हुए। जे.सी.बी. और क्रेन आदि से नैशनल हाईवे को अवरुद्ध करने पर भारी पैसा खर्च हुआ लेकिन पंजाब के किसानों का रास्ता प्रशासन नहीं रोक पाया। 
 


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Isha

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