कर्ज लेकर परिजनों ने अस्पताल से लिया शव, कई घंटे गिड़-गिड़ाता रहा मृतक का बेटा

punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2019 - 12:04 PM (IST)

गुडग़ांव(ब्यूरो): शहर में एक बार फिर से पैसे के लिए मरीज का शव देने से इन्कार कर दिया गया। मामला है गुडग़ांव के सबसे नामी अस्पताल का। जहां मरीज के इलाज के एवज में 10 लाख रूपए खर्च करने के बाद भी उसकी मौत हो गई। लिहाजा पैसे के अभाव में 31 हजार रूपए नहीं चुकाने पर 12 घंटे तक अस्पताल प्रबंधन ने डेडबॉडी देने से इन्कार कर दिया। 

मरीज प्रतापगढ़ से गुडग़ांव में ईलाज के लिए लाया गया था। जहां 20 दिन पहले शहर के अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट करवाई गई थी। करीब 60 वर्षीय मरीज को गुडग़ांव के सेक्टर-38 में ही एक सप्ताह पहले डेंगू हो गया था जिसका ईलाज चल रहा था। ज्ञात हो कि निजी अस्पताल द्वारा मरीज की मौत के बाद 31 हजार रुपए पास नहीं होने पर 12 घंटे तक परिजनों को डेडबॉडी नहीं देने का मामला सामने आया है। लेकिन बुधवार देर रात को मरीज की तबियत इतनी बिगड़ी कि आईसीयू में एडमिट करना पड़ाए जहां गुरुवार सुबह करीब 4 बजे उसकी मौत हो गई।

इसके बाद मरीज के परिजनों पर मात्र 22 हजार रुपए बचे थे। अस्पताल प्रबंधन ने शव देने के लिए 31 हजार रुपए और मांगे। बताया जाता है कि बकाया पैसो के लिए असपताल ने परिजनों को इतना परेशान किया कि वे शव लेने के लिए सुबह के 4 बजे से शाम के 4 बजे तक अस्पताल परिसर में चक्कर काटते रहे। आखिरकार मरीज के परिजनों ने किसी दूसरे ये रुपए उधार मांगकर चुकाने पड़े। बता दें कि प्रतापगढ़ उत्तरप्रदेश निवासी नंदलाल कौशल (60) गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल में 8 नवम्बर को किडनी इन्फेक्शन के कारण एडमिट हुए थे। जहां 9 नवंबर को उनकी किडनी ट्रांसप्लांट की गई। इसके बाद अस्पताल में कई दिन तक एडमिट रहे और बाद में सेक्टर-38 स्थित एक पीजी में रह रहे थे। जहां नंदलाल को डेंगू पॉजिटिव पाया गया। 

मरीज नंदलाल के भतीजे संदीप ने बताया कि डेंगू का भी ईलाज चल रहा था। लेकिन बुधवार की रात नंदलाल की तबियत अचानक बिगड़ गई और पेट दर्द से कराहने लगे। अस्पताल लाया गया तो उन्हें एडमिट कर लिया। पहले उन्हें गैस होने की परेशानी बताई लेकिन बाद में उन्हें आईसीयू में एडमिट करना पड़ा। संदीप ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन ने मौत के बाद बताया कि पेशंट को हार्ट अटैक आया था जिससे उसकी मौत हो गई।

संदीप ने बताया कि वे अस्पताल में 10 लाख रुपए से अधिक जमा कर चुके थे लेकिन 31 हजार रुपए पास नहीं होने से मरीज का शव देने से इन्कार कर दिया। अंत में पजिरनों ने शव लेने के लिए किसी से 31 हजार रुपए उधार लेकर पैसे जमा करवाए। जिसके बाद प्रबंधन द्वारा मरीज के परिजनों को शव दिया गया। 


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Edited By

vinod kumar

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