अस्पताल से छोटे भाई का शव कंधे पर लेकर भागा युवक, मामला जान पसीज जाएगा दिल
punjabkesari.in Sunday, Apr 07, 2024 - 09:27 PM (IST)
फरीदाबाद(अनिल राठी): बादशाह खान सिविल अस्पताल से मृतक के परिजनों द्वारा शव लेकर भागने का एक मामला सामने आया है। घटना बीते शुक्रवार रात लगभग 10:00 बजे की है, जहां पर एक 16 वर्षीय किशोर को उसके परिजन अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में इलाज करने के लिए लेकर पहुंचे थे। इसके बाद अचानक से किशोर को उसके परिजनों ने कंधे पर उठाया और दबे पांव अस्पताल से भागने लगे।
मिली जानकारी के अनुसार दीपांशु नगला एनक्लेव रामपाल मंडी के पास का रहने वाला था, जिसने बीते कल देर शाम को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के समय उसके पिता राजेश मां नम्रता और भाई देव घर पर नहीं थे। दीपांशु का बड़ा भाई देव जब घर पर पहुंचा तो दीपांशु फांसी के फंदे पर लटका हुआ था। जिसे आनन फानन में फांसी के फंदे से उतरवा कर देव अपने कुछ दोस्तों के साथ उसे बादशाह खान सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचा, लेकिन आपातकालीन विभाग में तैनात डॉक्टर हितेश नागर ने दीपांशु को मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद घटना की जानकारी बादशाह खान सिविल अस्पताल स्थित पुलिस चौकी में तैनात पुलिस कर्मियों को दी गई, ताकि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया जा सके। लेकिन पुलिस के पहुंचते ही मृतक का बड़ा भाई देव अपने साथियों के साथ शव को कंधे पर उठाकर भागने लगा और कहने लगा की दीपांशु जिंदा है। जिसे वह किसी निजी अस्पताल में ले जाकर दिखाना चाहते हैं। लेकिन अस्पताल में पहुंचे पुलिसकर्मियों और सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें समझाया कि दीपांशु की मौत हो चुकी है। जिसका कानूनी प्रक्रिया के तहत पोस्टमार्टम किया जाना है। इसके बावजूद भी देव नहीं माना और अपने छोटे भाई दीपांशु के शव को कभी गोद में उठाकर तो कभी कंधे पर डालकर वह भागने लगा। ऐसा करते हुए पुलिसकर्मी और सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोका लेकिन भीड़ बढ़ती गई और उनकी जिद के आगे पुलिस मानवता के नाते कुछ नहीं कर सकी।
जिसके बाद बीके अस्पताल की पुलिस चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों ने इसकी सूचना तीन नंबर पुलिस चौकी को दी। इसके बाद तीन नंबर पुलिस चौकी और डायल 112 की टीम बीके अस्पताल पहुंची, लेकिन तब तक मृतक दीपांशु का भाई देव और उसके साथी दीपांशु के शव को बाइक पर रखकर बीके चौक होते हुए किसी निजी अस्पताल जाना चाह रहे थे। जिनका पीछा करके तीन नंबर पुलिस चौकी की पीसीआर ने काबू कर लिया। इसके बाद पुलिस द्वारा उन्हें समझा बूझाकर दोबारा से बीके अस्पताल में दीपांशु के शव को लाया गया। दीपांशु के माता-पिता भाई देव तथा उनके साथ आए सभी परिचितों को समझा बुझा कर मृतक किशोर दीपांशु के सब को पोस्टमार्टम के लिए मोची में रखवा दिया गया।
बता दें कि हंगामा काफी देर तक चलता रहा। जिसके चलते लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। मृतक दीपांशु के पिता राजेश ने बताया कि उनके तीन बेटे हैं, जिनमें दीपांशु सबसे छोटा था और बीएससी फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रहा था। वह खुद एक कंपनी में सुरक्षा गार्ड हैं उनकी पत्नी भी घर घर चलाने के लिए एक कंपनी में काम करती है। उन्होंने बताया की दीपांशु घर पर अकेला था उसने किन कारणों से फांसी का फंदा लगाया उन्हें पता नहीं है। वह चाहते हैं कि पुलिस पूरे मामले की बारीकी से जांच करेंं, ताकि यह पता चल सके कि उनके बेटे दीपांशु की आत्महत्या की क्या वजह है।
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