सरकार ने उचित प्रबंध किए होते तो बाढ़ से किसानों की फसलें बर्बाद नहीं होती: ओपी चौटाला
punjabkesari.in Monday, Jul 24, 2023 - 10:28 PM (IST)

सिरसा: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने सोमवार को जिला सिरसा के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में स्थिति का जायजा लिया और पीडि़त किसानों से संवाद किया। इस दौरान जहां किसानों ने बर्बाद हुई फसलें व घरों के डूब जाने से पड़ी आर्थिक मार का जिक्र किया तो वहीं चौटाला ने सभी किसानों की समस्याओं को सुनने के बाद कहा कि सरकार द्वारा समय पर उचित प्रबंध नहीं किए गए और यही कारण है कि आज हरियाणा के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। चौटाला ने कहा कि कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसान व गांव की विरोधी है।
आज घग्घर नदी व रंगोली नाले में आई बाढ़ के बाद किसानों व ग्रामीणों को संसाधन जुटाने की बजाय इनके नाम पर शासन व प्रशासन के लोग बिल बनाने में जुटे हुए हैं। चौटाला ने आरोप लगाया कि अगर समय रहते सरकार बाढ़ के प्रबंध करती तो आज प्रदेश के किसानों की लाखों एकड़ में खड़ी फसल बर्बाद नहीं होती। उधर, सोमवार को उनके बेटे एवं ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दौरा किया व किसानों से बातचीत की। दोनों पिता पुत्र ने प्रदेश की गठबंधन सरकार पर तीखा हमला बोला और किसानों से हमदर्दी जताई।
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से घग्गर में जलस्तर बढऩे व रंगोई नाले में कई जगहों पर आई दरार के कारण जिले के बहुत से गांव प्रभावित हुए हैं। कई स्थानों पर आबादी वाले क्षेत्र डूब चुके हैं तो करीब 35 हजार एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है। पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया तो इसी कड़ी में अपनी परिवर्तन पदयात्रा को छोड़ अभय सिंह चौटाला भी सिरसा जिले में पहुंचे और उन्होंने ऐलनाबाद, रानियां व कालांवाली हलके के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जायजा लिया तो परिवर्तन पद यात्रा अभय चौटाला के बेटे कर्ण चौटाला के नेतृत्व में जारी रही। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला भी अलग अलग स्थानों पर गए और अभय ने भी लगातार दो दिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ही बिताए। इन दोनों पिता-पुत्र ने बाढ़ की इस विभीषिका के लिए प्रदेश सरकार की नाकामी को जिम्मेदार ठहराया।
पूर्व मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने कहा कि प्रशासन ने नियम कायदों को ताक पर रखकर सिरसा के बरनाला रोड पर जल निकासी के लिए बने साइफन रोक दिए जिससे जहां मुसहिबवाला, पनिहारी, नेजाडेला व बुर्ज कर्मगढ़ आदि गांवों के खेतों में खड़ी फसल तबाह हो गई वहीं कर्मगढ़ में मकानों तक में पानी घुस गया। इस बातचीत के दौरान पीडि़त ग्रामीणों ने इनैलो सुप्रीमो चौटाला को बताया कि उनके खेतों में लाखों रुपए की लागत से लगाए ट्यूबवैल जहां क्षतिग्रस्त हो गए तो वहीं मवेशियों के लिए सालभर की भंडारण तूड़ी, भूसा भी पानी की भेंट चढ़ गए जिससे साल भर तक मवेशियों को पालना मुश्किल हो जाएगा। चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने कहा कि सरकार की सोच किसान के पक्ष की नहीं है। भाजपा के लोग तो अमीर-गरीब, हिंदू-मुस्लिम सिख-ईसाई को आपस में लड़वाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि परिवर्तन पदयात्रा के दौरान उन्हें कई हिस्सों में जाने का मौका मिला। जनता ने एक ही बात बताई कि खेतों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल नहीं मिलता। महंगाई इस कदर हावी है कि बच्चों का पालन पोषण दूभर हो गया है। प्रदेश में सडक़ें टूटी पड़ी हैं और सरकारी कार्यालयों में बगैर पैसे दिए कोई काम नहीं होता। उन्होंने कहा कि आज सरकार बाढ़ प्रबंधन के लिए सरपंचों को पैसा देने से कतरा रही है। राज्य सरकार की अगर नीयत बाढ़ से डूबी फसल की भरपाई की होती तो वह किसान को पोर्टल पर ब्यौरा डालने की बात नहीं करती। उन्होंने कहा कि विपदा की इस घड़ी में मुख्यमंत्री को चाहिए कि अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए बाढ़ प्रभावित पीडि़त लोगों को तुरंत प्रभाव से मुआवजा प्रदान करें ताकि किसान पानी सूख जाने के बाद अपनी अगली फसल की बुवाई कर सकें।
इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने सोमवार को घग्गर नदी के साथ लगते सिरसा और फतेहाबाद जिलों के गांवों के खेतों व ढाणियों में जलभराव के कारण हुए नुकसान और राहत एवं बचाव कार्यों में सरकारी अधिकारियों द्वारा की गई अनदेखी बारे सी.एम. को पत्र लिखा है। अभय सिंह चौटाला ने अपने लिखे इस पत्र में कहा कि बाढ़ के कारण कई गांवों और ढाणियों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है तथा सरकार द्वारा बाढ़ से बचाव के लिए राहत कार्य न के बराबर किए गए हैं। वे स्वयं सिरसा जिला के रानियां, ऐलनाबाद एवं कालांवाली हलकों में जाकर आए हैं और इन क्षेत्रों में पाया कि सिरसा से लेकर राजस्थान बार्डर तक दोनों तरफ घग्गर के पानी से फसलें बर्बाद हुई हैं परंतु सरकार की तरफ से किसानों को उनके हुए नुकसान की भरपाई का किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं मिला है। बाढ़ के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की चुप्पी किसानों के लिए बहुत घातक सिद्ध हो सकती है। घग्गर नदी के साथ लगते गावों के किसान अपने परिवारों सहित बनाए गए बांधों पर बैठे हैं जहां पर सरकार की तरफ से न तो कोई राहत सामग्री भेजी गई है और न ही बिजली आदि का प्रबंध किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारी जाते हैं और लोगों को झूठे आश्वासन देकर वापस चले जाते हैं। अभी तक आप (मुख्यमंत्री) के द्वारा इस दुख की घड़ी में बाढ़ पीडि़तों को किसी भी प्रकार की राहत और मुआवजा देने का आश्वासन न देना बेहद दुखद है जबकि सरकार के स्तर पर स्वयं संज्ञान लेकर बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य तुरंत किए जाने चाहिए थे। उन्होंने पत्र द्वारा मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि तुरंत संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं कि वे बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य प्राथमिकता के आधार पर शुरू करें ताकि लोगों के जान माल की सुरक्षा हो सके। तत्काल प्रभाव से गिरदावरी करवा कर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही बाढ़ से घरों में घुसे पानी के कारण घरेलू सामान/राशन एवं पालतू पशुओं के हुए नुकसान का भी सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिया जाए।
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