किसानों को चढूनी का विरोध करना पड़ा महंगा, अस्पताल पहुंचे, 10 से ज्यादा पर मामला दर्ज
punjabkesari.in Saturday, Aug 28, 2021 - 11:44 PM (IST)
चंडीगढ़ (धरणी): अंबाला शहजादपुर में किसानों को गुरनाम सिंह चढूनी का विरोध करना इतना महंगा पड़ गया कि उनको अस्पताल पहुंचना पड़ गया। किसान गुरनाम सिंह के विरोध को लेकर गांव-गांव पोल खोल अभियान चला रहे थे। ऐसी जानकारी मिली है कि कई गांव में गुरनाम सिंह के बकायदा सबूत दिखा कर उसका पर्दाफाश कर रहे थे कि किस तरह गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों से चंदा उगाही का काम किया, किस तरह किसानों के नाम पर उगाही की किस तरह चढूनी ने किसानों को ठगा और किस तरह अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश की। कुछ का आरोप है कि किस तरह किसानों के कंधे पर चढ़कर बड़े-बड़े नेताओं का खास बन गया गुरनाम सिंह कहने को तो किसान नेता लेकिन बनना है सुपर नेता। शहजादपुर में जो हुआ उसके बारे में आपको बता देते हैं।
दरअसल, गुरनाम सिंह और उसके समर्थक अनाज मंडी में एक सभा में पहुंचे थे, जहां गुरनाम चढूनी के विरोधी किसान नेता के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। बड़ा नेता बनने का ख्वाब देख रहे गुरनाम सिंह चढूनी ने सभा के मंच से ही बकायदा प्रदर्शनकारी किसानों को सबक सिखाने की बात अपने समर्थकों और बाउंसरों को कह दी। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन से जुड़े किसान नेता नरपत सिंह राणा और उनके साथियों पर गुरनाम सिंह समर्थकों ने लाठी-डंडों से हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया।
बुरी तरह घायल होकर अस्पताल के बेड पर पहुंचे स्थानीय किसानों ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि उन पर बर्बरता से हमला किया गया है। 10 से 12 किसान की शक्ल में आए गुंडों ने तब तक लाठियां चलाई है, जब तक वह जमीन पर गिर नहीं गए। अन्य किसानों ने कई दिन तक गुरनाम सिंह चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उसकी गिरफ्तारी की मांग की थी।
कल गांव में जब यह मुद्दा उठा तो प्रशासन मैं भी आश्वासन दिया कि गुरनाम सिंह चढूनी पर कार्रवाई होगी लेकिन कुछ नहीं हुआ तो चढूनी के हाथों लूट बैठे किसान उल्टा लाठियों के शिकार हो गए अब पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद गुरनाम सिंह चढूनी के समर्थक 10 से ज्यादा लोगों पर मामला दर्ज किया है और एक्शन लेने की बात कही है लेकिन मामला तो दर्ज बीजेपी की ट्रैक्टर यात्रा के दौरान मारे गए किसान के मामले में भी दर्ज हुआ था लेकिन अब तक कोई कारवाई नहीं हुई। अब यह देखना होगा कि गुरनाम सिंह चढूनी और उसके गुर्गों पर एक्शन होता है या नहीं।
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