सीएम मनोहर के साथ किसानों की वार्ता विफल, रमेश दलाल ने शुरू किया अन्न त्याग सत्याग्रह
punjabkesari.in Friday, Jun 23, 2023 - 05:51 PM (IST)

बहादुरगढ़ (प्रवीण कुमार धनखड़) : हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा बढ़वाने के लिए शुरू हुआ आन्दोलन अब बड़ा रूप ले सकता है। करीब छह महीने से केएमपी के मांडौठी टोल प्लाजा पर किसान धरना दे रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहरलाल से किसान नेता रमेश दलाल की वार्ता भी विफल हो चुकी है। भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष और राष्ट्रीय किसान नेता रमेश दलाल ने अब सरकार को हराने के लिए अन्न त्याग सत्याग्रह शुरू कर दिया है।
रमेश दलाल का यह अन्न त्याग सत्याग्रह सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि अपने ही भाईचारे को जगाने के लिए किया जा रहा है। रमेश दलाल का कहना है कि सरकार ने किसानों को डरा रखा है। अन्न त्याग सत्याग्रह से वो अपने भाईचारे का डर निकालकर उन्हें अपने साथ खड़ा करेंगे। उसके बाद रेल, सड़क और दिल्ली का पानी रोककर सरकार से किसानों की जमीन को बचाने का काम करेंगे।
किसान नेता रमेश दलाल की अगुवाई में ही किसानों का ये आन्दोलन चल रहा है। आन्दोलन के कारण सरकार को हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा भी बढ़ाना पड़ा है। लेकिन अब सरकार उस बढ़े हुए मुआवजे को आर्बिटेशन के जरिए देना चाहती है, जबकि किसान अवार्ड में संशोधन के जरिए मुआवजा लेना चाहते हैं। किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि आर्बिटेशन में किसान का कोर्ट में जाने का हक छीन लिया जाएगा। जबकि अवार्ड में संशोधन होने के बाद किसान कोर्ट में अपने हक के लिए आवाज उठा सकेगा।
करीब 6 महीने से चल रहे आन्दोलन के कारण किसानों की कम होती संख्या के कारण आसौदा की किसान पंचायत में रमेश दलाल की आंखो से आंसू भी छलके हैं। रमेश दलाल ने कहा कि सरकार उन्हें डराने और दबाने का प्रयास कर रही है। उनकी बेटी को भी 6 महीने से तनख्वाह तक नहीं दी गई। ऐसे में उन्हे अपने भाईचारे और किसानों का मजबूत साथ चाहिए। इसीलिए भाईचारे को जगाने के लिए अन्न त्याग सत्याग्रह शुरू किया है। उन्होंने बताया कि जमीन अधिग्रहण से जुड़े मामले, अवार्ड संशोधन और समगौत्र विवाह निषेध कानून की मांग पर सरकार से कोई समझौता नहीं होगा। बाकि मांगों पर बीच का रास्ता निकल भी सकता है। रमेश दलाल ने सरकार को 25 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन दे रखा है।
वहीं बता दें कि रमेश दलाल की अगुवाई में किसान 14 जून को नेशनल हाईवे भी जाम कर चुके हैं। अब अन्नत्याग सत्याग्रह के जरिए किसानों और ग्रामीणों को इकठ्ठा करने की मुहिम चलाई है। इसके लिए रोहतक, झज्जर और सोनीपत के गांवों को साथ लिया जाएगा। अब किसानों की संख्या आन्दोलन में बढ़ जाएगी तो फिर तिरंगा हाथों में लेकर किसान रेल, सड़क पर बैठ जाएंगे और दिल्ली का पानी भी बंद कर देंगे। यही ऐलान किसान पंचायत में हुआ है।
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