पिता ने लौटा दी थी उपाधि तभी से सुभाष चंद्र बोस के मन में भरी थी अंग्रेजों के प्रति कटुता

punjabkesari.in Saturday, Jan 23, 2021 - 08:13 PM (IST)

फरीदाबाद (सूरजमल): बसेलवा कॉलोनी स्थित मोहन ऋषि स्कूल में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर छात्रों ने मोमबत्तियां जला कर नेता जी को नमन किया तथा देश के लिए उनके सिद्धांतों का अनुसरण करने का निश्चय किया। इस अवसर पर शिक्षाविद् कृष्ण दत्त शास्त्री ने छात्रों को नेता जी के जीवन से जुड़ी बहुत से बातें बताई। 

शास्त्री ने बताया कि 23 जनवरी,1897 का दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। इस दिन नेता जी का जन्म कटक में प्रसिद्ध वकील जानकीनाथ और प्रभावती देवी के यहां हुआ था। उन्होंने बताया कि अंग्रेजों के दमनचक्र के विरोध में उनके पिता ने रायबहादुर की उपाधि लौटा दी थी। इससे नेता जी के मन में अंग्रेजों के प्रति कटुता ने घर कर लिया। अब नेता जी अंग्रेजों को भारत से खदेडऩे के लिए निकल पड़े। 

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नेता जी ने आईएएस की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी इस पद से इस्तीफा दे दिया। तब उनके पिता ने नेता जी का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि अगर तुमने देश सेवा का निर्णय ले लिया है तो कभी भी इस प्रण से विचलित मत होना। रंगून के जुबली हॉल में भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि अब हमारी आजादी निश्चित है पर आजादी कुर्बानी मांगती है। यहीं पर उन्होंने नारा दिया की तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। और इस तरह देश कि आजादी के लिए भारत में ही नहीं विदेशों में भी इन्होंने अपनी आजाद हिन्द फौज की स्थापना की।  

शास्त्री ने बच्चों को कहा कि हमें नेता जी जैसे अपने स्वतंत्रता सेनानियों पर गर्व करना चाहिए और उनको सदैव नमन करना चाहिए। कार्यक्रम में विद्यालय की मुखाध्यपिका रुचि शर्मा के साथ रितु गौतम, मीनू गौतम, ललित कुमार झा, आशिमा कुमार, रीना आदि अध्यापकगण उपस्थित रहे।


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Shivam

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