कोच न मिलने पर पिता खेत में बेटियों को दे रहे ट्रेनिंग, एक ने नेशनल स्तर पर जीते 2 गोल्ड मेडल
punjabkesari.in Saturday, Feb 22, 2020 - 11:12 AM (IST)
हिसार: अभी तक आपने कोच को ही प्रशिक्षण देते हुए देखा होगा लेकिन हिसार जिले के गांव खानपुर में पिता अपनी दो बेटियों को खेत में ही एथलेटिक का प्रशिक्षण दे रहे हैं। इतना ही नहीं, पिता के प्रशिक्षण देने के बाद बड़ी बेटी पैरा खिलाड़ी गीता नेशनल स्तर पर दो स्वर्ण पदक भी जीत लाई। पिता जगत सिंह बेटी को डेढ़ साल से एथलेटिक का अभ्यास करवा रहे हैं। हाल ही में गीता ने शॉटपुट और क्लब थ्रो में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा किया है।
अभ्यास को देख पिता ने खुद सीख लिया प्रैक्टिस करवाना
जगत सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में बेटी महाबीर स्टेडियम में एथलेटिक कोच पवन लांबा के पास अभ्यास करती थी। इस दौरान वह बेटी को रोजाना अपने साथ लेकर आते थे और बेटी का अभ्यास देखते थे लेकिन उसके कुछ महीने बाद कोच का तबादला हो गया। उसके बाद जब बेटी को अभ्यास करवाने के लिए कोच नहीं मिला तो पिता ने अपने ही खेत में गीता को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया।
छोटी बेटी को भी इंटरनेशनल मेडलिस्ट बनाना मेरा लक्ष्य
जगत सिंह की दो बेटियां हैं, जिनमें बड़ी गीता है, जबकि छोटी बेटी किरण है। अब बड़ी बेटी के साथ छोटी बेटी किरण को भी पिता ने प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। पिता का कहना है मेरा लक्ष्य छोटी बेटी को भी इंटरनेशनल मेडलिस्ट खिलाड़ी बनाना है। रोजाना वह दोनों बेटियों को दो घंटे तक प्रशिक्षण देते हैं।
गीता की माता मूर्ति देवी ने कहा कि आज बेटियां हर क्षेत्र में पहचान बना रही हैं। बड़ी बेटी ने अपनी प्रतिभा दिखाते हुए नेशनल स्तर पर नाम चमकाया है। अब छोटी बेटी भी एथलेटिक की तैयारी में जुट गई है।
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