फार्मेसी काउंसिल में 2 हजार फाइल पेंडिंग पड़ी है क्योंकि उनके पैसे नहीं आए थे वो इसीलिए रद्दी में पड़ी है: कृष्णचंद गोयल

punjabkesari.in Thursday, Jul 07, 2022 - 01:38 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : फार्मेसी काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष कृष्णचंद गोयल ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे दिनेश अदलखा व इनकी टीम के कार्यकाल में 10000 रजिस्ट्रेशन हुए सभी जांच का विषय है। किसे कितनी घूस लेकर दिए गए, कितने सही किए गए हैं और अभी भी 2 हजार फाइल पेंडिंग पड़ी क्योंकि उनके पैसे नहीं आए थे वो इसीलिए रद्दी में पड़ी है। गौरतलब है कि हरियाणा की फार्मेसी काउंसिल इस वक्त सुर्खियों में बनी हुई है क्योंकि इसके पदाधिकारी भ्रष्टाचार के मामले में विजिलेंस के हत्थे चढ़े हैं और आगे जांच चल रही है गृहमंत्री विज ने तुरंत प्रभाव से उनकी सेवाएं समाप्त कर दी है।

फार्मेसी काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष कृष्णचंद गोयल ने काउंसिल पर काफी गंभीर आरोप लगाए है। उनके अनुसार जब दिनेश अदलखा प्रधान बनाए गए तब उनके खिलाफ फरीदाबाद कोर्ट में एफआईआर दर्ज थी। फिर भी उन्हें पद पर बैठाया गया। इसके साथ ही सोहनलाल कंसल के खिलाफ सांसद दुष्यंत चौटाला ने लोकसभा में दवाई घोटाले के आरोप लगाए लेकिन उसकी भी कोई जांच नहीं हुई। उसके बाद वे करनाल में एक फार्मेसी कॉलेज से 15 लाख की घूस लेते हुए पकड़े गए लेकिन उसकी भी कोई जांच नहीं कराई गई और बाद में उनको उपप्रधान बना दिया गया। उधर राजकुमार वर्मा को सेक्शन 26 की अवहेलना करके रजिस्ट्रार लगा दिया गया इन तीनों ने मिलकर काउंसिल कार्यालय को अपनी निजी दुकान बना लिया। ना किसी की सुनते ना किसी की मानते थे

गोयल ने काउंसिल के पदाधिकारियों पर काफी संगीन आरोप लगाए जिसमे उन्होंने बताया के वो खुद 1972 से रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट है लेकिन उनकी खुद की रजिस्ट्रेशन 7 महीनों से लंबित रखी हुई है तो और किसका यह काम करके देंगे। ऐसा नहीं कि उन्होंने इस मामले को लेकर ए सी एस स्वास्थ्य विभाग राजीव अरोड़ा व  स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज सहित मुख्यमंत्री भी अवगत कराया गया था। स्वास्थ्य मंत्री विज और मुख्यमंत्री खट्टर भोले लोग हैं। लेकिन उनको मिस गाइड किया जा रहा है। इन सभी को टर्मिनेट किया जाना चाहिए क्योंकि इनकी अपॉइंटमेंट ही इललीगल हुई है। इन्हे पीसीआई का मेंबर भी बना रखा है तो अब ये कॉलेजों से पैसे लेंगे वहा भी भ्रष्टाचार करेंगे इसीलिए वहां भी इनकी नॉमिनेशन कैंसिल कर देनी चाहिए। पीसीआई का काम सुचारू रूप से चलाने के लिए एफडीए से किसी अधिकारी को रजिस्ट्रार का चार्ज देना चाहिए और प्रेसिडेंट का चुनाव करा दें ताकि काउंसिल का काम निष्पक्ष और सुचारू रूप से हो सके।

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Content Writer

Manisha rana

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