1966 से लेकर आजतक मात्र बीस रूपये ही मिलता है वाहन भत्ता, आखिर क्यों?

punjabkesari.in Sunday, Feb 25, 2018 - 09:08 PM (IST)

रेवाड़ी(मोहिंदर भारती): सांसदों, विधायकों के वेतन तथा भत्तों में ब करते हुए आपने खूब सुना होगा। माननीयगण अपने वेतन भत्तों को साल दर साल बढ़ाते ही रहते हैं, लेकिन अन्य कर्मचारियों के वेतन भत्तों को ये बढ़ाना ही भूल जाते हैं। यह कहना है कि ग्राम सचिवों का जिन्हें हरियाणा राज्य बनने के बाद वाहन भत्ता(साईकल भत्ता) 20 रुपये मिलता था। तब से अब तक सौ गुना महंगाई बढ़ गई लेकिन यह भत्ता आज भी 20 रुपये ही है।

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सचिवों का कहना है कि, यह एक तरह से भद्दा मजाक ही है। आज एक ग्राम सचिव के पास 8 से 10 गांव का कार्य है और वह प्रति माह ग्राम बैठक करने के बावजूद आधा दर्जन बार विकास कार्यों के लिए आना जाना होता है। इसके साथ साथ कई बार ग्राम सेवकों की आला अधिकारी भी जिला मुख्यालय पर बैठक लेते हैं। इसके बावजूद भी यह वाहन भत्ता मात्र 20 रुपये ही मिलता है।

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इस दंश को झेलते-झेलते अब ग्राम सचिव सड़कों पर उतर आएं हैं। रविवार को उन्होंने ग्राम सचिव वेलफेयर एसोसिएशन की जिला इकाई का गठन किया गया। जिसमें श्रीभगवान को जिला प्रधान चुना गया। प्रधान की अध्यक्षता में सभी ग्राम सचिवों ने 20 रुपये मिलने वाले भत्ते को इकठ्ठा कर मुख्य मंत्री राहत कोष में जमा करा दिया।

उन्होंने स्थानीय विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास के कार्यालय पर पहुंच अपनी अन्य मांगों का ज्ञापन सौंपने के साथ ही जमा राशि का पैकेट भी राहत कोष भी उन्हें थमाया। ग्राम सचिवों ने चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नही मानती है तो वें जल्द ही सड़कों पर उतरेंगे।


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