कंचनजंगा पर्वत पर तिरंगा फहराने वाले पहले हरियाणवी बने गौरव कादियान (VIDEO)

punjabkesari.in Tuesday, Jun 12, 2018 - 11:47 PM (IST)

झज्जर(प्रवीण धनखड़): दुबलधन माजरा गांव के पर्वतारोही गौरव कादियान भारत की सबसे ऊंची और दुनिया की तीन सबसे ऊंची चोटियों में शुमार कंचनजंगा पर तिरंगा फहराने वाले पहले हरियाणवी बन गए हैं। झज्जर के इस बेटे न केवल अपने गांव व जिले का बल्कि पूरे हरियाणा का नाम रोशन किया है। गौरव को परिवार के साथ-साथ जिला उपायुक्त सोनल गोयल भी सम्मानित किया गया साथ ही उन्हे भविष्य के लिए  शुभकामनाएं दी। गौरव ने प्रथम प्रयास में ही कंचनजंगा की कठिन चढ़ाई को फतह कर युवाओं के लिए प्रेरणा का काम किया है।

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20 मई को सुबह सवा आठ बजे कंचनजंगा फतह
पर्वतारोही गौरव कादियान ने बताया कि ओएनजीसी की पंद्रह सदस्यीय टीम को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंन्द्र प्रधान ने 12 अपै्रल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। दल के पांच साथियों सहित 20 मई को सुबह सवा आठ बजे कंचनजंगा चोटी पर तिरंगा फहराने में सफल रहे, जबकि दल के अन्य साथी भी अगले दिन चोटी फतह करने में सफल रहे।

भारतीय पर्वतारोहियों के लिए कंचनजंगा थी बड़ी चुनौती
उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 के बाद कोई भी भारतीय पर्वतारोही कंचनजंगा फतह नहीं कर पाया था, कंचनजंगा भारतीय पर्वतारोहियों के लिए एक चुनौती बन चुका था। ओएनजीसी ने मिशन कंचनजंगा को फतह करने के लिए एक दल तैयार किया। मिशन कंचनजंगा को फतह करने के लिए चुने गए पर्वतारोही दल को अटल बिहारी वाजपेयी माउंटियरिंग एंड एलाइड स्पोट्र्स संस्थान मनाली में पर्वतारोहण की बेसिक व एडवांस ट्रेनिंग दी गई।

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गौरव ने दोहरी चुनौती के रूप में स्वीकार की कंचनजंगा चढ़ाई
ओएनजीसी में कार्यकारी अभियंता के पद पर कार्यरत 30 वर्षीय गौरव कादियान ने बताया कि पर्वतारोही बनने के लिए कठिन मेहनत्र, प्रशिक्षण और आत्मबल की जरूरत होती है। ओएनजीसी ने मिशन कंचनजंगा के टीम चुनी तो उन्होंने पर्वतारोहण की चुनौती को स्वीकार किया। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने पता चला कि अब तक हरियाणा से कोई भी पर्वतारोही कंचनजंगा फतह नहीं कर पाया है तो उन्होंने इसे दोहरी चुनौती के रूप में स्वीकार किया।

पहली बार में फतह किया कंचनजंगा
गौरव ने बताया कि कंचनजंगा की कठिन चढ़ाई से पहले मांउट सतोपंत ऊंचाई 7075 मीटर तथा माउंट सतोकांगड़ी ऊंचाई 6123 मीटर फतह किया ताकि मिशन कंचनजंगा को पहली बार में ही फतह किया जा सके। इसी तैयारी की बदौलत ही कंचनजंगा पर तिरंगा फहराकर उसी दिन बेस कैंप में लौटकर एक रिकार्ड बनाया।

माऊंट एवरेस्ट फतह का सपना, सरकार करे मदद
गौरव का सपना है कि वो विश्व की सबसे उंची चौटी माउंट एवरेस्ट पर फतेह हासिल करें, लेकिन इसके लिए उन्हें सरकार के सहयोग की आवश्यकता है। गौरव की मां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गिाजाडौद में प्राध्यापिका हैं। उन्होंने अपने बेटे की सफलता का श्रेय उनकी मेहनत को जज्बे को देते हुए कहा कि गौरव की पत्नी भावना ने भी समय समय पर हौसला बढ़ाया। 


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Shivam

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