उपयुक्त नोटिफिकेशन द्वारा ही गज़ेटेड पद हो सकते हैं HPSC के दायरे से  बाहर: एडवोकेट हेमंत

punjabkesari.in Wednesday, Jul 28, 2021 - 11:53 AM (IST)

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी ) द्वारा बीती   फरवरी में  प्रदेश के  स्कूल  शिक्षा विभाग के लिए  पोस्ट-ग्रेजुएट  टीचर (पीजीटी)  (संस्कृत विषय )    के  500 से ऊपर  पदों की   चयन-प्रक्रिया  हेतु विज्ञापन जारी किया गया. इससे पूर्व  वर्ष 2019 में विभिन्न विषयो के  करीब 3800 पीजीटी के लिए विज्ञापन जारी हुआ हालांकि वह  चयन प्रकिया अभी तक आरम्भ नहीं हुई है चूँकि आयोग और स्कूल शिक्षा विभाग में पदों की वास्तविक संख्या को लेकर पत्राचार चल रहा है। ज्ञात रहे कि बीते कुछ वर्षो  से एचएसएससी ही उक्त पीजीटी  पदों के लिए चयन  करता रहा है जिस पर   पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एक एडवोकेट  हेमंत कुमार ने प्रश्न चिन्ह  उठाया है एवं उन्होंने   इस विषय पर प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव और स्कूल शिक्षा विभाग के प्रशासनिक सचिव और निदेशक आदि   से उपयुक्त कार्यवाही करने की मांग की है.

उन्होंने बताया कि उपरोक्त   पीजीटी  पद हरियाणा सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत आते हैं एवं यह एचईएस-2  अर्थात हरियाणा एजुकेशन सर्विस- क्लास -2  हैं जो प्रदेश सरकार की ग्रुप बी वर्ग की सेवा है.   ग्रुप ए और ग्रुप बी के पद गज़ेटेड (राजपत्रित ) पद होते  हैं. उक्त पीजीटी पदों पर हरियाणा राज्य शिक्षा स्कूल कैडर (ग्रुप बी ) सेवा नियम, 2012 लागू  हैं एवं  इनका वेतनमान पे मैट्रिक्स लेवल -8 अर्थात रुपये 47,600 से 1,51,100 रुपये के बीच होता हैं।  10 वर्ष पहले वर्ष 2011   में तत्कालीन हुड्डा  सरकार द्वारा प्रदेश विधानसभा से एक कानून पारित करवाकर हरियाणा  स्कूल टीचर्स सिलेक्शन बोर्ड एक्ट, 2011  बनाया गया था जिसके अंतर्गत गठित बोर्ड को  प्रदेश के सभी राजकीय (सरकारी) स्कूलों में टीचरो के हर वर्ग के चयन का जिम्मा सौंपा गया था जिसमे पीजीटी (ग्रुप बी ) के पद भी शामिल थे।

इस बोर्ड के गठन को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में  चुनौती भी दी गयी ही जिसे दिसंबर,2013 में हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था एवं उक्त बोर्ड के गठन को एवं उसके द्वारा पीजीटी समेत सभी वर्गों के टीचरो की चयन प्रक्रिया  को सही ठहराया था. हालांकि जब अक्टूबर, 2014 में हरियाणा  में भाजपा के नेतृत्व में खट्टर  सरकार बनी तो दिसंबर, 2014 में एक अध्यादेश जारी करवाकर उक्त बोर्ड को समाप्त करवा दिया था। बाद में इस अध्यादेश को विधानसभा में विधेयक  के रूप में पारित करवाया गया  एवं अप्रैल, 2015 में इसे राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त हो गयी। उसके दो महीने बाद 18 जून 2015 को हरियाणा सरकार के तत्कालीन  मुख्य सचिव (अब मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव )  डीएस ढेसी द्वारा एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के कार्यो में संशोधन कर हरियाणा के राजकीय स्कूलों में पीजीटी सहित ग्रुप बी और ग्रुप सी सभी टीचरो की चयन प्रक्रिया आयोग को प्रदान कर  दी गयी एवं तब से एचएसएससी  ही ऐसे सभी पदों के लिए चयन करता आया है परन्तु हेमंत का कानूनी मत है कि अगर हरियाणा सरकार ने उक्त पीजीटी स्कूल टीचरो, जो ग्रुप बी अर्थात एचईएस-2 होने के कारण गज़ेटेड  पद हैं, उनके चयन के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को कानूनन अधिकृत करना है, तो राज्य  सरकार  के कार्मिक विभाग को एक और नोटिफिकेशन जारी कर पीजीटी ग्रुप बी पदों को हरियाणा लोक सेवा आयोग के दायरे से  बाहर भी निकालना होगा।

 भारत के संविधान के अनुच्छेद 320 के खंड 3  में हरियाणा लोक सेवा आयोग (कृत्यों की परिसीमा ) विनियम, 1973 बनाये गए हैं जिसमें  प्रदेश  सरकार समय समय पर  संशोधन कर ग्रुप ए और ग्रुप बी  वर्ग के उपयुक्त  गज़ेटेड पदों की   चयन प्रक्रिया   हरियाणा लोक सेवा आयोग के दायरे से बाहर करती रही है। पीजीटी के वर्तमान सेवा नियमो अनुसार इनकी नियुक्ति महानिदेशक. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नहीं  बल्कि हरियाणा सरकार अर्थात  विभाग के प्रशासनिक सचिव द्वारा की जाती है.  वर्तमान में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को वैधानिक दर्जा भी प्राप्त नहीं हैं एवं यह  जनवरी,1970 में जारी एक  सरकारी नोटिफिकेशन के आधार पर कार्य कर रहा है जिसमें प्रदेश सरकारें समय समय पर संशोधन करती रही है. इस प्रकार आयोग द्वारा  गज़ेटेड ग्रुप बी पदों पर चयन करने पर गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़े होते हैं।

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Content Writer

Isha

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