बड़े घोटालों को कमेटियों के जंजाल में उलझा रही सरकार: हुड्डा
punjabkesari.in Saturday, Jan 22, 2022 - 09:24 AM (IST)
कुरुक्षेत्र : भाजपा-जजपा सरकार ने हरियाणा को बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, अपराध, किसानों पर अत्याचार, कुशासन, कंगाली और प्रदूषण में नंबर वन बना दिया। आज जनता के कई मुद्दे हैं जिन पर सरकार को जवाब देना होगा। सरकार ने प्रदेश को बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रतिपक्ष नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इस सरकार का हाजमा इतना तेज हो गया है कि इसने यमुना के रेत से लेकर डाडम और नांगल चौधरी तक की पहाडिय़ों को हजम कर लिया है। जो कमाई प्रदेश के खजाने में पहुंचनी चाहिए थी खनन घोटालों की वजह से वह खनन माफिया की तिजोरियों में जा रही है। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र में होने वाले ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइंस और जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। इस मौके पर पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा, विधायक मेवा सिंह, जयप्रकाश, कुलदीप शर्मा, हरमिंद्र चट्ठा व अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डाडम मामले में आज तक दोषियों पर 302 का मुकद्दमा तक दर्ज नहीं हुआ। बड़े-बड़े घोटालों के बावजूद सरकार जांच के नाम पर सिर्फ कमेटी-कमेटी खेल रही है। इससे पहले शराब, रजिस्ट्री, धान और भर्ती समेत दर्जनभर घोटालों में सरकार ने कमेटी तो बना दी लेकिन कार्रवाई के नाम पर वही ढाक के तीन पात वाला नतीजा ही रहा। आज तक किसी भी उच्च पद पर बैठे व्यक्ति पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। विपक्ष की मांग है कि खनन से लेकर भर्ती घोटाले तक की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सी.बी.आई. द्वारा करवाई जानी चाहिए।
किसानों के मुद्दों पर हुड्डा ने कहा कि जन भलाई की बजाय सरकार का सारा जोर सिर्फ इवैंट मैनेजमैंट पर रहता है। पिछले कई सीजन से किसानों को मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। बार-बार विपक्ष की तरफ से किसानों के लिए मुआवजे की मांग की गई लेकिन अब तक सरकार ने पिछले सीजन में हुए नुक्सान की भरपाई तक नहीं की। व्यापारियों की हालत यह है कि मुनाफा तो दूर उन्हें पूंजी तक का घाटा उठाना पड़ रहा है।
सरकार की नीतियों के चलते सरकारी दफ्तर खाली हो रहे हैं क्योंकि वहां पर कर्मचारी नहीं हैं, स्कूल खाली हो रहे हैं क्योंकि वहां पर टीचर्स नहीं हैं, अस्पताल खाली हो रहे हैं क्योंकि वहां डॉक्टर्स नहीं हैं, कुप्रबंधन व भ्रष्टाचार के चलते सरकार का खजाना खाली है, दुकानदार व व्यापारी का गल्ला खाली है और गरीब-मजदूर का पेट खाली है। तमाम संस्थाओं की रिपोर्ट बता रही है कि हरियाणा विकास के पैमानों पर नकारात्मक दिशा में बढ़ रहा है लेकिन सच्चाई को स्वीकार करने की बजाय सरकार बेरोजगारी के आंकड़े दिखाने वाली सी.एम.आई.ई. जैसी संस्थाओं को धमका रही है।
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