सरकार ने आपातकाल को बनाया सामान्य काल: योगेन्द्र यादव, बोले- जनता के सामने सिर झुकाना पड़ेगा
punjabkesari.in Thursday, Jun 24, 2021 - 10:14 PM (IST)
रोहतक (दीपक भारद्वाज): किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर देश के सभी राज्यों में संयुक्त किसान मोर्चा गवर्नर को राष्ट्रपति के नाम रोष पत्र सौंपेगा। 26 जून को देश में इमरजेंसी लगी थी इसलिए ही इस दिन का चुनाव किया गया है। यह कहना है संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव का। उन्होंने केंद्र सरकार पर भी आरोप लगा दिया और बोले सरकार आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास कर रही है। लेकिन किसान विचलित नहीं होंगे। आज सरकार ने देश में आपातकाल को सामान्य काल बना दिया है। यही नहीं उन्होंने दिल्ली रोड के आसपास बसे गांव के लोगों को होने वाली दिक्कतों को लेकर माफी भी मांगी।
योगेंद्र यादव ने कहा की खेती बचेगी तो ही लोकतंत्र बचेगा, इसी मुद्दे के तहत अब आंदोलन की रणनीति तैयार की गई है। जिसके चलते 26 जून को देश के सभी गवर्नर को राष्ट्रपति के नाम रोष पत्र सौंपे जाएंगे। इस दिन का चुनाव इसलिए किया गया है क्यों कि 26 जून को देश में आपातकाल लगा था और इसे आपातकाल दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
योगेंद्र यादव का कहना है कि सरकार की नीयत बातचीत को लेकर साफ नहीं है। सरकार घमंड में है कि किसानों के आंदोलन को थका कर तोड़ देगी। लेकिन सरकार के इस मंसूबे को पूरा नहीं होने दिया जाएगा और किसान बिल्कुल विचलित नहीं होगा। आज तक सरकार आंदोलनकारी किसी भी संगठन को तोड़ नहीं पाई, यही नहीं योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार बातचीत में जितनी देर करेगी उन्हें उतना ही महंगा पड़ेगा।
किसान आंदोलन के समाधान को लेकर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि समाधान तब होगा जब सत्ता जनता के सामने सिर झुकाएगी और सिर झुकाने से आदमी बड़ा होता है। आज देश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है और वह हत्या भी धीरे-धीरे गला रेत कर की जा रही है। उन्होंने कहा कि 26 जून को जो आपातकाल लगा था उस आपातकाल को मौजूदा सरकार ने सामान्य काल बना दिया है, जो कि देश के लिए खतरनाक है। पहले जिस आंदोलन को भाजपा के नेता पवित्र आंदोलन कहते थे, अब उसे कैसे राजनीतिक बता रहे हैं। अगर भाजपा दो मुंह से बात करेगी, तो पकड़ी जाएगी। क्योंकि किसी भी राजनीतिक दल में इतनी औकात नहीं है कि वह इतने लोगों को 7 महीने तक इकट्ठा रख सके।
आंदोलन स्थल के पास रहने वाले लोगों को आ रही परेशानियों के चलते उन्होंने माफी मांगी और कहा वे जानते हैं कि लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। लेकिन जहां तक आंदोलन के खिलाफ पंचायत होने की बात है, तो वह भाजपा व आरएसएस द्वारा प्रायोजित पंचायत थी। आंदोलन स्थल पर हुई घटनाओं को लेकर जवाब देते हुए योगेंद्र यादव बोले कुछ राजनीतिक गिद्ध लाशों पर नजर बनाए हुए हैं, जो आंदोलन के अंदर घूमते रहते हैं। जो इसी तरह के मामलों का इंतजार करते हैं। जहां तक एक महिला से रेप और एक व्यक्ति की जलकर मरने का मामला है, उसमें किसान आंदोलन के नेताओं ने आगे बढ़कर प्रशासन की मदद की है।
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