मण्डियों में नहीं हो रही पीआर धान की सरकारी खरीद, किसानों ने दिया धरना

punjabkesari.in Saturday, Nov 04, 2017 - 07:59 PM (IST)

गोहाना (सुनील जिंदल): अनाज मंडी मे पिछले पांच-छ: दिनों से पीआर धान की सरकारी खरीद नहीं हो रही, वहीं बासमती धान के भाव में 400 से 500 रूपये तक की कमी आई। जिससे नाराज किसानों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, और चेतावनी दी कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन भी किया जाएगा। साथ ही किसानों ने सरकार पर राईस मिलर्स से मिलीभगत का आरोप लगाया।

धरनारत किसानों के अनुसार, सरकार और राइस मिलर्स के साथ मिली भगत कर मंडी में धान की खरीद मनमुताबिक भाव से कर रही है। जबकि विदेशों में इसबार बासमती चावल की मांग ज्यादा है। किसानों को फसल का उचित भाव भी नहीं मिल रहा और न ही पीआर धान की सरकारी खरीद हो रही है, जिसके कारण हजारों क्विंटल धान की फसल खुले में पड़ी है। और उसकी देख-रेख के लिए किसानों को भी चैन की नींद नहीं मिल रही।

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किसानों ने कहा कि, इस बार विदेशों में बासमती चावल की मांग ज्यादा होने से किसानों को धान के फसल के अच्छे भाव मिलने की आस थी। लेकिन गोहाना की अनाज मंडी मे 1509 बासमती धान 3200 रूपये व बासमती 3500 रूपये तक ही बिक सका। पिछले तीन चार दिनों से बासमती धान के भाव में लगातार आ रही गिरावट के चलते अब 1509 बाशमती धान 2500 में और बासमती 2700 में बिक रहा है सो ही बिक रहा है। जिसके कारण काफी किसान मायूस नजर आए। साथ ही पीआर धान की सरकारी खरीद बंद होने से चिंता बढ़ गई है।

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मण्डी में धान लेकर आए किसानों ने बताया कि, अबकी बार गोहाना की अनाज मंडी मे बासमती धान के अच्छे भाव होने से दूसरे जिलों के किसान भी इस मंडी में अपनी फसल बेचने के लिए आ रहे थे, लेकिन अब भाव कम होने से किसानों को दोहरी मार पड़ रही है। जिससे नाराज किसानों ने सरकार के खिलाफ मिलीभगत का आरोप लगाकर धरना प्रदर्शन किया। और साथ ही बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।

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वहीं समस्त हरियाणा प्रदेश आढ़ती एसोसियन के अध्यक्ष टेक चंद बुसाना ने कहा कि, गोहाना की अनाज मंडी मे पीआर धान की सरकारी खरीद बंद है, जिसके चलते किसानों के साथ-साथ उन्हें भी परेशानी हो रही है। क्योंकि मंडी में आने वाले किसानों हजारों क्विंटल धान खुले में पड़ा है। धान की आवक ज्यादा होने से मंडी में धान रखने की भी जगह खाली नहीं रह गई। अधिकारी भी केवल आश्वासन दे रहे हैं जबकि हकीकत कुछ और है।


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