25 फीसदी मुफ्त दाखिले पर सरकार को फटकार

punjabkesari.in Saturday, Jan 12, 2019 - 11:34 AM (IST)

चंडीगढ़(पांडेय): हरियाणा के 7200 मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में प्री-नर्सरी कक्षाओं में गरीब बच्चों के 25 फीसदी मुफ्त दाखिले के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सरकार को फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने 9 जनवरी को सुनवाई दौरान हरियाणा सरकार को निजी स्कूलों में 25 फीसदी गरीब बच्चों को दाखिला सुनिश्चित करवाने के लिए पक्ष रखने के लिए 15 फरवरी तक आखिरी मौका देने के साथ ही तलब किया है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि अब सरकार को मामले को लंबा खींचने का कोई मौका नहीं मिलेगा जबकि 15 फरवरी को न्यायालय में सरकार पक्ष नहीं रखती तो फिर फैसला सुना दिया जाएगा। 

अगस्त 2015 में हरियाणा सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए व्यवस्था कर दी थी कि नर्सरी से पहली कक्षा तक मुफ्त दाखिला के लिए पहले बच्चे नजदीकी सरकारी स्कूल में जाएंगे, अगर वहां सीटें खाली नहीं होंगी तो फिर प्राइवेट स्कूलों में दाखिला ले सकेंगे। सरकार के इस फैसले को वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एस. बैंस व अंकित ग्रेवाल के माध्यम से भिवानी की जानवी बनाम हरियाणा सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका डालकर चुनौती दी गई थी। 
इसके बाद सरकार बार-बार न्यायालय से समय लेकर मामले को लंबा खींचती रही।

 2015 के बाद नहीं मिला गरीब बच्चे को दाखिला : बृजपाल परमार
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेशाध्यक्ष बृजपाल परमार व संगठन के महामंत्री भारत भूषण बंसल ने बताया कि हरियाणा सरकार और प्राइवेट स्कूल कक्षा पहली से 12वीं तक तो 10 व 20 फीसदी गरीब बच्चों को दाखिला तो दे रही है। मगर वर्ष 2015 से लेकर अब तक प्री-नर्सरी से कक्षा पहली तक किसी भी बच्चे का मुफ्त दाखिला प्राइवेट स्कूलों में आर.टी.ई. नियम के तहत नहीं हुआ है। निजी स्कूलों में करीबन 4 लाख बच्चे पढ़ाई करते हैं, जिसमें 25 फीसदी गरीब बच्चों का हक नहीं मिल रहा है। अब न्यायालय ने सरकार को 15 जनवरी तक सरकार को अपना पक्ष न्यायालय में रखने का अंतिम अवसर दिया है, इसके बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुनाने की बात कही है।  
 


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Deepak Paul

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