हरियाणवीं फिल्मों का दर्शक वर्ग सीमित, इसलिए फिल्में नहीं चलती : रणदीप हुड्डा

punjabkesari.in Tuesday, Oct 31, 2017 - 11:39 AM (IST)

हिसार (पवन राठी): हरियाणा की कोई भाषा नहीं है, बल्कि हरियाणवी एक बोली है। इसलिए हरियाणवी फिल्मों का सीमित दर्शक वर्ग है। हरियाणवी फिल्मों के अधिक दर्शक नहीं होने के कारण फिल्में व्यवसायिक तौर पर अधिक कामयाब नहीं हो पाती, इसलिए हरियाणवी फिल्मों का निर्माण बड़े स्तर पर नहीं होता। छोटे बजट में बनने वाली फिल्में अपनी लागत भी पूरी नहीं कर पाती हैं। यह बात हरियाणा से जाकर बालीवुड में अपनी धाक जमाने वाले अभिनेता रणदीप हुड्डा ने कही। वे आज यहां हरियाणा स्वर्ण जयंति समारोह के समापन समारोह में भाग लेने के लिए हिसार आए हुए हैं। 

पंजाब केसरी के साथ विशेष बातचीत में रणदीप हुड्डा ने कहा कि सिर्फ बोली के दम पर हरियाणावी फिल्मों का विकास नहीं हो सकता। इसके लिए हरियाणवी को भाषा के तौर पर विकसित करना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि स्मार्ट फोन ने भी फिल्मों को काफी नुक्सान पहुंचाया है। लोग थियेटर में न जाकर पाइरेटिड फिल्में मोबाइल पर ही देख लेते हैं। रणदीप हुड्डा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वैसे तो हरियाणा के लोग काफी मेहनती और ईमानदार होते हैं लेकिन हाल के महीनों में हुई घटनाओं ने हरियाणा का नाम काफी बदनाम किया है। लोग आपसी भाईचारा भूल गए और लोगों की एकता में दरार पड़ गई। 

जातियों का जो राजनीतिकरण किया गया है उससे हरियाणा की छवि को काफी नुकसान हुआ है। ये काफी शर्मनाक था। फिल्मों में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले युवाओं को संदेश देने के बारे में उन्होंने कहा कि फिल्मी नगरी दूर से चमकती नजर आती है लेकिन इसके अंदर की दुनिया बहुत दुविधा भरी है। फिर भी जो इस क्षेत्र में आना चाहते हैं उन्हें अच्छे से काम सीख कर जूते घिसने के लिए तैयार होना होगा।


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