क्राइम पैट्रोल देखकर रची खतरनाक साजिश, कनपटी पर गोलियां मारकर जला दी डेड बॉडी (Pics)

punjabkesari.in Wednesday, Dec 28, 2016 - 10:09 AM (IST)

कैथल (सुखविंद्र): अपने ही नौकर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए बलजीत निवासी गांव दुब्बल ने पकड़े जाने के बाद खुलासा किया है कि वह अपने नौकर संदीप को दिल्ली की एक पार्टी के साथ नोट बदलने का बहाना बनाकर अपनी ही कार में जंगल में ले गया था, फिर वहां पहुंचकर उसने 32 बोर के अवैध पिस्तौल से संदीप की कनपटी पर 2 गोलियां मार दीं और उसे ड्राइवर सीट पर बिठाकर गाड़ी को आग लगा दी। बलजीत ने बताया कि वह प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था इस काम में उसे काफी नुक्सान हो गया था।

क्राइम पैट्रोल देखकर रच दी खतरनाक साजिश
बलजीत ने बताया कि उसने एक दिन अक्षय कुमार की अजनबी फिल्म देखी और लाइफ ओके टी.वी. चैनल पर आने वाला क्राइम पैट्रोल कार्यक्रम देखा तो उसमें एक व्यक्ति ने अपने ही हत्या का षड्यंत्र रचकर लाइफ इंश्योरैंस के करोड़ों रुपए वसूल लिए थे और बाद में वह ऐशो आराम की जिंदगी काटना चाहता था। बस उसी तर्ज पर उसने भी पहले अपनी एक्सिस बैंक, एच.डी.एफ.सी. बैंक, एल.आई.सी, आई.सी.आई.सी.आई. बैंक, श्रीराम, एल.आई.सी., न्यू जीवन आनंद आदि बैंकों से करीब 3 करोड़ 25 लाख रुपए की इंश्योरैंस पॉलिसी बनवाई और बाद में अपनी ही हत्या का षड्यंत्र रच डाला, ताकि इंश्योरैंस के पैसे उसके परिजनों को मिल सके। 
एस.पी. सुमेर प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपी बलजीत ने अपने नौकर संदीप उर्फ मिड्डी को कहा था कि दिल्ली की एक पार्टी करंसी बदलने हेतु कक्योर सरस्वती जंगल में आ रही है। जिनसे हम धोखे से सारी नकदी हड़प लेंगे। संदीप के माता-पिता की मौत हो चुकी थी, जिसका एक भाई जींद में रहता है तथा गांव में वह अकेला रहता था।

बेवकूफ बनाने के लिए जलाया खुद का कमीज
बलजीत ने संदीप की हत्या के बाद अपनी कमीज गाड़ी में ही डालकर जला दी, जिस पर खून के कुछ दाग लग गए थे। इसके अलावा गाड़ी नम्बर प्लेट भी तोड़कर पास में गिरा दी, ताकि उसकी गाड़ी की पहचान हो जाए और शव की शनाख्त बलजीत के रूप में हो। 

बाबा के भेष में रहा राजस्थान के शहरों में 
एस.पी. ने बताया कि आरोपी बाबा के भेष में राजस्थान के चुरू व अजमेर आदि स्थानों पर रहने लगा था परंतु बलजीत ने राजगढ़ के एक होटल में अपने आधार कार्ड की आई.डी. देकर कमरा बुक करवा लिया। इसकी भनक पुलिस को सूत्रों से मिल गई थी कि बलजीत मरा नहीं, बल्कि जिंदा है। मामले की जांच करने वाले सी.आई.ए.-2 इंस्पैक्टर विमल कुमार ने बताया कि इस ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री को सुलझा पाना उनके सामने चुनौती थी लेकिन वह हर चुनौती को स्वीकार करता है। इसमें उसका साथ ए.एस.आई. हवा सिंह, जयभगवान, रमेश कुमार, एच.सी. प्रदीप व कमलजीत ने भी बखूबी दिया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त 32 बोर का अवैध पिस्तौल व 3 जिंदा कारतूस बरामद कर लिए हैं। आरोपी का अदालत से 5 दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है।
 


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