हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का किया पुनः गठन
punjabkesari.in Wednesday, Sep 14, 2022 - 03:52 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का पुनर्गठन किया है। इस संबंध में राज्य सरकार के विजिलेंस विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। इस समिति की बैठक मासिक आधार पर आयोजित की जाएगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस समिति में मुख्य सचिव को चेयरमैन लगाया गया है जबकि हरियाणा के महाधिवक्ता को विशेष आमंत्री लगाया गया है।
इसी प्रकार, वित्तायुक्त एवं राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह एवं प्रशासन न्याय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, पुलिस महानिदेशक, राज्य सतर्कता ब्यूरो के महानिदेशक, सीआईडी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को समिति में सदस्य लगाया गया हैं जबकि विजिलेंस विभाग के सचिव को समिति का सदस्य सचिव तथा अभियोजन विभाग के निदेशक को सदस्य लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि यह समिति का कार्य इस प्रकार से होगा जिसके तहत भ्रष्टाचार से निपटने के लिए नीतियां बनाना, रणनीति को अंतिम रूप देने, नीतियां बनाने और भ्रष्टाचार विरोधी उपायों को लागू करने के लिए शीर्ष निकाय के रूप में कार्य करना, राज्य सतर्कता ब्यूरो के पास लंबित पूछताछों की आवधिक समीक्षा, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए के तहत मंजूरी के लिए सक्षम अधिकारियों के पास लंबित आवेदनों की प्रगति की समीक्षा करना, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत अभियोजन स्वीकृति के लिए सक्षम प्राधिकारियों के पास लंबित आवेदनों की प्रगति की समीक्षा करना शामिल हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत कथित तौर पर किए गए अपराधों में राज्य सतर्कता ब्यूरो और मंडल सतर्कता ब्यूरो द्वारा की गई जांच की प्रगति की समीक्षा करना या ऐसे अपराध जिनके साथ एक लोक सेवक कर सकता है , दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के तहत, एक ही मुकदमे में आरोपित किया जाएगा। ऐसे ही, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत दर्ज एफआईआर की कुल संख्या के संदर्भ में उन मामलों की समीक्षा जिनमें समय पर अदालत में चालान प्रस्तुत किया गया है। जांच की गुणवत्ता में सुधार सहित अभियोजन के चरणों की समीक्षा, दोषसिद्धि की दर और अदालत में प्रदर्शन में सुधार की समीक्षा करना भी शामिल है।
इसी प्रकार, सीएम फ्लाइंग स्क्वायड के पास लंबित पूछताछ की समीक्षा और उसकी निगरानी करना, मुख्य सतर्कता अधिकारियों के पास लंबित पूछताछ की समीक्षा, जिला सतर्कता समितियों के पास लंबित जांच की समीक्षा, सतर्कता मुद्दे से संबंधित मामलों में कर्मचारियों की कोई अन्य शिकायत इत्यादि की समीक्षा शामिल हैं।