हरियाणा में HSVP अब डिफॉल्टरों पर कसेगा शिकंजा, ई-नीलामी प्रक्रिया में किए बड़े बदलाव

punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 11:06 AM (IST)

डेस्कः हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) ने अपनी ई-नीलामी प्रक्रिया में अहम संशोधन किए हैं। नए नियमों का उद्देश्य आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत और स्वतंत्र वाणिज्यिक संपत्तियों के आवंटन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। संशोधित नियमों के तहत, नियमों का उल्लंघन करने वाले डिफॉल्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और रद्द किए गए भूखंडों की नीलामी 60 दिनों के अंदर अनिवार्य रूप से दोबारा कराई जाएगी। दोबारा नीलामी में यदि नई बोली मूल बोली से कम भी आती है, तो भूखंड नए उच्चतम बोलीदाता को आवंटित किया जाएगा, जबकि मूल आवंटी की पूरी बयाना राशि (EMD) जब्त कर ली जाएगी।

इसके अलावा, चूक कर्ताओं से मूल बोली राशि का 10 प्रतिशत या पुरानी और नई बोली के बीच का कमतर अंतर जब्त किया जाएगा। जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। यदि दोबारा नीलामी में उच्चतम बोली प्राप्त होती है और नया बोलीदाता भुगतान करता है, तो जब्त की गई ईएमडी छोड़कर, पहले बोलीदाता की जमा राशि वापस कर दी जाएगी।

प्रॉपर्टी सरेंडर पर भी सख्त नियम

प्रॉपर्टी सरेंडर करने वालों के लिए भी कड़े नियम लागू किए गए हैं। पहले वर्ष के भीतर सरेंडर पर बोली राशि का 15% जब्त होगा, 1 से 2 वर्षों में 25%, 2 से 3 वर्षों में 35%, और तीन वर्ष से अधिक समय बाद सरेंडर करने पर 50% राशि का भारी कटौती की जाएगी।

पेमेंट की समय सीमा तय

भुगतान की प्रक्रिया स्पष्ट कर दी गई है। आवंटियों को 10% अग्रिम राशि जमा करने के बाद 30 दिनों के अंदर 15% अतिरिक्त भुगतान करना होगा। आवासीय और छोटी व्यावसायिक संपत्तियों के लिए शेष 75% राशि 120 दिनों में देय होगी। बड़े प्रोजेक्ट जैसे ग्रुप हाउसिंग या मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट के लिए शेष राशि 120 दिनों के भीतर देय होगी, बशर्ते देय तिथि 13 मई 2025 तक हो।

कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए विशेष भुगतान विकल्प

फ्री होल्ड कॉमर्शियल प्रॉपर्टी आवंटियों को 120 दिनों में पूरी राशि चुकाने या 12% ब्याज के साथ छह अर्धवार्षिक किश्तों में भुगतान करने का विकल्प दिया गया है। संस्थागत आवंटियों जैसे अस्पताल, स्कूल और नर्सिंग होम को 180 दिन या तीन वार्षिक किश्तों में भुगतान करने की सुविधा मिलेगी। एचएसवीपी अधिकारियों ने कहा कि नए नियमों को कड़ाई से लागू किया जाएगा, ताकि संपत्ति आवंटन में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे।


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Content Editor

Deepak Kumar

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