दोपहियों पर नवाचार : भारत के ई-बाइक उद्योग के लिए भविष्य की दिशा : साहिल उत्तेकर
punjabkesari.in Monday, Sep 22, 2025 - 04:26 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : भारत का ई-बाइक (इलेक्ट्रिक साइकिल) बाजार काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2024 तक इस बाजार का वैल्यू करीब 1,302.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर था और ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2033 तक यह दोगुना होकर करीब 3,000.5 मिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। साल 2025 से 2033 के बीच यह बाजार करीब 8.7% की वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से आगे बढ़ने की उम्मीद है। नीति-निर्माता और निर्माता दोनों का मानना है कि इस विकास की गति को बरकार रखने और मजबूत करने के लिए ई-बाइक उद्योग में नवाचार को अब दिखावटी फीचर्स के बजाय तकनीक, सेवा और आपूर्ति शृंखला से जुड़ी असली चुनौतियों के समाधान पर ध्यान देने की भी जरूरत है। वीआईआर मोबिलिटी प्रा लि की ई-साइकिल ब्रांड वीआईआर बाइक का मानना है कि नवाचार की अगली बुनियाद तीन स्तंभों पर ही टिकेगा- मानकीकरण, बुद्धिमत्ता और उपयोगकर्ता के हिसाब से डिजाइन, ताकि ई-साइकिल को सभी के लिए सुलभ और आकर्षक बनाया जा सके।
बिखरे हुए सिस्टम से विश्वसनीय मानक की ओर
साहिल उत्तेकर, को-फाउंडर, वीर मोबिलिटी ने कहा कि आज ई-बाइक उद्योग की सबसे बड़ी चुनौती अलग-अलग बिखरी हुई व्यवस्था(फ्रेगमेंटेशन) है। अलग-अलग ब्रांड अपने-अपने हिसाब से कंट्रोलर, कनेक्टर और सिस्टम का उपयोग करते हैं। वैसे तो दिखने में यह सबको नवाचार लगता है, मगर असल में इससे सर्विस नेटवर्क जटिल हो जाते हैं। मरम्मत में लेटलतीफी होती है और सप्लाई चेन महंगी पड़ती है। जब कोई पुर्जा केवल उसी ब्रांड का हो, तो इसका मतलब होता है, ज्यादा स्टॉक रखना पड़ेगा और कई जगह पर स्पेयर पार्ट्स मिलेंगे ही नहीं। इसका असर यह भी होता है कि ग्राहक अक्सर फंस जाते हैं, क्योंकि उनके मॉडल का पार्ट्स सर्विस सेंटर पर उपलब्ध नहीं होता। मानकीकरण से यह समस्या दूर हो सकती है। इससे मरम्मत आसान होगी, खर्च घटेगा और ग्राहक का भी भरोसा बढ़ेगा।
भविष्य के लिए भरोसेमंद कनेक्टर
अभी ई-बाइक के पुर्जों (जैसे बैटरी, मोटर कंट्रोलर) को जोड़ने के लिए सामान्य पिन वाले कनेक्टर इस्तेमाल होते थे, जो समय के साथ ढीले हो जाते हैं, टूट जाते हैं या खराब हो जाते हैं। इससे उनकी मरम्मत के लिए खास सेवाओं की जरूरत होती है, जो महंगी और असुविधाजनक दोनों होती हैं। लिहाजा, वीआईआर बाइक ऐसे कनेक्टर बना रही है, जो भविष्य के लिए सही हैं। ये कनेक्टर पुर्जों को गलत लगाने से बचाते हैं और उन्हें अपग्रेड करना भी आसान होता है।
आकर्षक और उपयोगी एसेसरीज
ग्राहक ई-बाइक सिर्फ सुविधा या परफॉरमेंस देखकर नहीं, बल्कि एक स्टेटस और स्टाइल के लिए भी खरीदते हैं। इसलिए वीआईआर बाइक एक्सेसरीज-जैसे लाइट्स, डिस्प्ले, स्मार्ट लॉक, जीपीएस आदि को इस तरह बना रही है कि वे तकनीकी रूप से कम्पैटिबल भी हों और दिखने में भी सुंदर लगें। यहां तक कि शुरुआती मॉडल भी इस तरह बनाए जा रहे हैं कि ग्राहक धीरे-धीरे बेसिक एक्सेसरी से प्रीमियम एक्सेसरी तक अपग्रेड कर सकें। इससे लोगों का भरोसा और ब्रांड से जुड़ाव बढ़ता है।
हल्के फ्रेम और उच्च-गुणवत्ता वाले मटेरियल पर जोर
भारत के शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक, ऊबड़-खाबड़ सड़कें, बार-बार रुकना और भारी सामान (जैसे स्कूल बैग, घरेलू समान आदि) ढोना आम बात है। भारी ई-बाइक चलाने में काफी दिक्कतें होती हैं और बैटरी भी जल्दी खत्म होती है। इसलिए आने वाले समय में हल्के फ्रेम और उच्च-गुणवत्ता वाले मटेरियल पर जोर दिया जाएगा, जो मजबूत, सुरक्षित और देखने में आकर्षक भी हों। ऐसी ई-साइकिल ट्रैफिक में आसानी से चल सकती हैं और दिखने में भी आकर्षक लगेंगी और लंबे समय तक चलेंगी, भले ही मौसम खराब क्यों न हो।
स्मार्ट राइड्स के लिए आइओटी और एआई
ई-बाइक उद्योग में एक और नया नवाचार है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को जोड़ना। इसमें तीन चीजें आती हैं- रियल-टाइम डेटा, डायग्नोस्टिक्स व प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्राहक अब स्मार्ट कनेक्टिविटी की मांग कर रहे हैं, जिसमें रियल-टाइम डेटा, बैटरी मॉनिटरिंग, राइड एनालिटिक्स और एंटी-थेफ्ट फीचर्स हों। एआई की सहायता से राइडर बैटरी की सेहत की मॉनिटरिंग कर सकते हैं। वहीं, पता लगा सकते हैं कि कौन-से पैटर्न से अधिक बैटरी खर्च होती है। साथ ही पुर्जे खराब होने से पहले ही अलर्ट पा सकते हैं, जिससे खर्च कम होगा, सुरक्षा बढ़ेगी और विश्वास भी।
हार्डवेयर से आगे बढ़ता ईकोसिस्टम
भारत की ई-बाइक इंडस्ट्री का विकास मात्र नए मॉडल, हाईस्पीड या चमकीले डिजाइन तक सीमित नहीं हो सकता। असली बदलाव तब आएगा, जब विश्वसनीय मानक, आसान सर्विस, भरोसेमंद सप्लाई चेन, स्मार्ट टेक्नोलॉजी और आकर्षक डिजाइन का एक मजबूत ईकोसिस्टम बनेगा। वीआईआर बाइक केवल साइकिल नहीं बना रही, बल्कि आने वाले समय के लिए एक पूरा ईकोसिस्टम तैयार कर रही है। जैसे-जैसे बाजार आगे बढ़ेगा, ग्राहक केवल विकल्प नहीं, बल्कि गुणवत्ता, विश्वसनीयता और स्थिरता की भी मांग करेंगे। आने वाले कल की ई-बाइक केवल हार्डवेयर से नहीं, बल्कि उसके भीतर की इंटेलिजेंस और कनेक्टिविटी से पहचानी जाएगी। यूनिवर्सल स्टैंडर्ड, स्मार्ट डायग्नॉस्टिक्स और एआई-आधारित डिजाइन के साथ भारत एक नई मोबिलिटी क्रांति की ओर बढ़ रहा है।