स्वास्थ्य सेवाओं में हरियाणा देश का नंबर एक प्रदेश बनेगा, जल्द एक और योजना होगी लागू - अनिल विज

punjabkesari.in Monday, Nov 21, 2022 - 11:46 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में हरियाणा देश का नंबर वन प्रदेश बनेगा और प्रदेश के नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत जल्द एक नई योजना को लागू किया जाएगा। विज आज अम्बाला छावनी के सिविल अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत अंत्योदय लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड वितरण अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अब 28 लाख परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनेंगे और प्रदेश के लगभग सवा करोड़ लाभार्थी इस योजना में शामिल हो जाएंगे जिससे हरियाणा की लगभग आधी आबादी आयुष्मान के तहत कवर होगी और ईलाज के लिए उन्हें एक पैसा नहीं लगाना पड़ेगा। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि योजना लागू करने के लिए वह मुख्यमंत्री को बधाई एवं धन्यवाद करते हैं जिन्होंने इस योजना को लागू किया। उन्होंने कहा जल्दी ही हम प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक और योजना लांच करने जा रहे हैं, जल्द इसकी जानकारी लोगों को दी जाएगी। श्री विज ने इस अवसर पर लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड वितरित किए।

 

जल्द कर्मचारियों को भी कैशलैस इलाज सुविधा मिलेगी- अनिल विज

 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में बहुत सारे कर्मचारी है जिनका मुफ्त ईलाज होता हैं, उनको भी जल्द कैशलैस ईलाज की सुविधा मिलने जा रही है और इस संबंध में अधिकारियों को निर्देष दिए गए हैं। सरकारी कर्मचारियों को भी भविष्य में ईलाज कराकर बिल पास कराने की जरूरत नहीं है। जैसे ही वह अस्पताल में जाएंगे उनका कैशलैस ईलाज शुरू हो जाएगा और इसकी योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की दो मुख्य जिम्मेदारी होती है जिनमें एक शिक्षा और दूसरी स्वास्थ्य की। उनका कहना है कि वह समझते हैं की उनकी सरकार इन दोनों दायित्वों का पूरी तरह से निर्वहन कर रही है। हरियाणा का कोई भी व्यक्ति जो इस सीमा में आता है को अब ईलाज के बिना उसे दम तोड़ना नहीं पड़ेगा।

 

ई-उपचार सिस्टम से प्रदेश के 55 अस्पताल जुड़े, जल्द पीएचसी व मेडिकल कालेज जुड़ेंगे - अनिल विज

 

विज ने कहा कि प्रदेश में ई-उपचार सिस्टम है, जिससे हमारे 55 अस्पताल जुड़े हैं। सिस्टम में मरीज का पूरा ऑनलाइन रिकार्ड रहता है। अब इसी ई-उपचार सिस्टम को पीएचसी और सीएचसी एवं मेडिकल कालेज से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। एक मरीज का पूरा रिकार्ड ऑनलाइन होगा और एक आईडी पर उसकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री अन्य शहर में डॉक्टर को कंप्यूटर पर दिख जाएगी। उन्होंने बताया कि जल्द ही हर पीएचसी में ईसीजी मशीन सुविधा होगी।

 

प्रदेश के 17 जिलों में सीटी स्कैन सुविधा व सभी 22 जिलों में डायलिसिस सुविधा उपलब्ध - अनिल विज

 

विज ने कहा कि हमारे अस्पतालों में मुफ्त ईलाज किया जाता है और सारे प्रदेश के अस्पतालों की हालत में सुधार किया जा रहा है। जहां पहले अस्पतालों में एक्सरे की मशीन नहीं होती थी आज 17 जिलों में सीटी स्कैन की सुविधा दे रहे हैं। राज्य के सभी जिलों में डायलिसिस सेंटर संचालित हैं, पहले डायलिसिस कराने के लिए चंडीगढ़, गुरूग्राम या दिल्ली भागना पड़ता था, उतना खर्चा डायलिसिस कराने का नहीं आता था जितना आने-जाने का किराया लग जाता था। अब हर जिले में डायलिसिस कराने की सुविधा प्रदान कर दी गई है। कोई सोच नहीं सकता था कि सरकारी अस्पतालों में दिल का ईलाज किया जाता होगा। मगर, हमने करके दिखाया, हमारे चार जिलों में कैथ लैब (हार्ट सेंटर) काम कर रहे हैं। अम्बाला में हम 10 हजार से ज्यादा स्टंट डाल चुके हैं और बाकी स्थानों पर भी कैथ लैब हम खोलने जा रहे हैं।

 

अम्बाला छावनी में जल्द बनेगी राष्ट्रीय स्तर की एनसीडीसी लैब - अनिल विज

 

विज ने कहा कि नेशनल सेंटर फॉर डिजिजस कंट्रोल (एनसीडीसी) की राष्ट्रीय लैब भी अम्बाला छावनी में खुलने जा रही है। देशभर में चार में से एक लैब अम्बाला छावनी के नग्गल में बन रही है जिसे स्थापित करने के लिए जमीन ली जा चुकी है और उन्हें उम्मीद है कि इसी वित्त वर्ष में लैब को बनाना शुरू कर दिया जाएगा। यहां छोटे से भवन में लैब टेस्टिंग पहले ही आरंभ कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि गत दिनों केंद्र से भारत सरकार के डीजी हेल्थ के नेतृत्व में एक टीम अम्बाला छावनी आई थी जोकि छावनी सिविल अस्पताल के भवन को देख इतनी प्रभावित हुई कि इसकी डाक्यूमेंट्री बनाकर रोल मॉडल के तौर पर इसे देश के सभी प्रदेशों में भेजने पर विचार किया जा रहा है।

 

डिमांड बेस नहीं नीड बेस उपलब्ध कराई जाएगी स्वास्थ्य सेवाएं - स्वास्थ्य मंत्री विज

 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पुरानी पीएचसी और सीएचसी को गिराकर नए मापदंडों के अनुसार उन्हें एनएबीएच के मापदंडों के अनुसार बनाया जाएगा। हम स्वास्थ्य सेवाओं की मैपिंग समूचे हरियाणा में करा रहे हैं। हम डीमांड बेस स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। हम नीड बेस स्वास्थ्य सुविधाएं देंगे चाहे वह विपक्ष का ही हलका क्यों न हो क्योंकि हमने स्वास्थ्य सेवाएं पूरे हरियाणा में देनी है। केंद्र सरकार ने हमारी इस परियोजना की तारीफ की है और केन्द्र सरकार ने हरियाणा में मैपिंग कराने के लिए एक करोड़ रूपए की राषि भी दी है और हमारा प्रदेश हिंदुस्तान का पहला देश है जहां मैपिंग की जा रही है। जो कंपनी मैपिंग करेगी वह हमें डब्ल्यूएचओ के मापदंडों के अनुसार मैपिंग करके बताएगी कि कहां पर पीएचसी, सीएचसी, या कितने बेड का अस्पताल होना चाहिए, कहां कौन से उपकरण देने हैं तथा वहां कितने डॉक्टर व अन्य स्टाफ का प्रावधान करना है। यह एजेंसी पूरा स्टडी करके हमें बताएगी ताकि फिर हम आगे उनके मुताबिक अपनी स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार कर खर्च करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पास पैसा काफी है, जब वह स्वास्थ्य मंत्री बने थे जब स्वास्थ्य सेवाओं का बजट 1600 करोड़ रुपया था,  जिसे हमने बढ़ा-बढ़ाकर अब आठ हजार करोड़ का कर दिया है।

 

 

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि हमारे पास कार्ड बनाने के लिए लगातार जरूरतमंद लोग पहले आते थे और वह काफी समय से मुख्यमंत्री के सामने यह मुद्दा उठा रहे थे कि जो गरीब लोग, अंत्योदय परिवारों का जिनकी वार्षिक आमदनी 1.80 लाख रुपए से कम है हम उनके भी कार्ड बनाएं। उन्होंने कहा कि आज वह इस मंच से मुख्यमंत्री का हरियाणा की सारी जनता की तरफ से आभार व्यक्त करना चाहते हैं कि उन्होंने इस बात को मानकर इसे हरियाणा में लागू किया है। अब चिन्हित 28 लाख परिवार भी इसके पात्र बन जाएंगे, यानि सवा करोड़ लोगों को आयुषमान कार्ड मिलेगा और हरियाणा की आधी जनता का यह मेडिकल इंश्योरेंस हो जाएगा। इन लाभार्थियों को सूचीबद्ध 725 अस्पताल में केवल कार्ड दिखाना है, वहां कोई पैसा नहीं देना और कैशलैस पूरा ईलाज होगा। इलाज का सारा खर्च अस्पताल सरकार से लेगा परिवारों को कुछ नहीं देना होगा।

 

 

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि ‘‘प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आम आदमी के जनकल्याण के लिए बहुत योजनाएं शुरू की हैं, मगर, जो आयुषमान भारत योजना प्रारंभ की है यह बहुत महत्वपूर्ण है’’। श्री विज ने कहा कि ‘‘इस योजना के तहत जो चिन्हित परिवार हैं, वो पांच लाख रुपए तक का ईलाज मान्यता प्राप्त अस्पताल में मुफ्त करा सकते हैं’’। उन्होंने कहा कि ‘‘जब यह योजना लांच हुई उस समय देश के पास जो सर्वे था वह 2011 का था और उसके तहत 47 करोड़ लोग उसमें कवर होते थे। हरियाणा के 15.51 लाख के लगभग लोग उसके तहत आए थे’’। श्री विज ने कहा कि ‘‘मगर 2011 का जो सर्वे था वह न जाने किन हालातों में किसने किया था और बहुत सारे जरूरतमंद परिवार इसके लाभ से वंचित हो गए थे और हमारे पास लगातार वह परिवार आते रहते थे कि उनका भी आयुषमान कार्ड बनाया जाए’’।

 

विज ने बताया कि ‘‘जब यह योजना प्रारंभ हुई थी तो उस समय के स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा जी ने देश के सभी स्वास्थ्य मंत्रियों को बुलाया था और वह भी उसमें बैठक में शामिल हुए थे। वहां हमारे समक्ष दो विकल्प रखे गए थे कि आप इंश्योरेंस या ट्रस्ट मॉडल चुन लो। सभी ने अपनी पसंद के अनुसार मॉडल चुना, मगर मैनें ट्रस्ट मॉडल चुना क्योंकि उन्हें लगता था कि इंश्योरेंस कंपनियों के चक्कर काटते-काटते आदमी थक जाएगा और ऐसा हुआ भी’’। आज पंजाब का आयुषमान कार्ड पीजीआई में स्वीकार नहीं किया जाता। श्री विज ने बताया कि ‘‘आज मरीज कार्ड लेकर अस्पताल में जाते हैं तो अधिकतर अस्पतालों में उसे स्वीकार करना बंद कर दिया है, मगर हमारा कार्ड चलता है क्योंकि हमने ट्रस्ट मॉडल को अंगीकार किया और केंद्र सरकार ने हमें आयुषमान योजना लागू करने में हिंदुस्तान का सबसे बेहतरीन प्रांत का अवार्ड भी दिया’’। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ‘‘हम किसी इंश्योरेंस कंपनी के सहारे नहीं, हमारी जो पेमेंट है वह सबसे शीघ्र व्यक्ति को मिलती है’’।

 

इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डा. रणदीप सिंह पूनिया, डीसी डा. प्रियंका सोनी, सिविल सर्जन डा. कुलदीप सिंह एवं अन्य ने स्वास्थ्य मंत्री का कार्यक्रम स्थल पर स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीसी के माध्यम से अपना संदेश भी दिया।

 

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma

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