बाल सुधार गृह में पॉलीटेक्निकल छात्र को खिलाया गया मल, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब (VIDEO)

punjabkesari.in Tuesday, Feb 05, 2019 - 01:33 PM (IST)

मेवात(एके बघेल): मेवात जिला मुख्यालय नूंह के नजदीक एक गांव के मामले में गौ मांस व खाल बेचने के आरोपी पॉलीटेक्निकल छात्र के बाल सुधार गृह में मल खिलाने और धर्म विशेष के नारे लगाने को मजबूर करने का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके साथ ही डीजीपी को इस मामले में खुद जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।

याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि उसका बेटा पॉलटेक्नीकल कॉलेज में पढ़ाई करता है। 29 दिसंबर 2018 को उसका बेटा कॉलेज जाने से पहले याची की नूंह स्थित दुकान पर मौजूद था। दुकान से उसे पुलिस उठा कर ले गई और हरियाणा गौ संवर्धन व गौ संरक्षण एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर गौ मांस व खाल बेचने का आरोप लगा दिया। केस को जिला अदालत में लगाया गया जहां से याची के बेटे के नाबालिग होने के चलते उसे जुवेनाईल जस्टिस बोर्ड भेज दिया गया।

जब बाल सुधार गृह के अधिकारियों ने याची के बेटे का वारंट देखा तो वह भड़क गए और कहा कि तुम गाय काटते हो। पीड़ित के पिता ने बताया कि वह बेकसूर है। लेकिन बाल सुधार गृह के कर्मचारियों ने उनके बेटे को ऐसे बैरिक में डाल दिया जहां पहले से ही 16-17 लड़के बंद थे। उन लड़कों को कहा कि यह गाय काटता है और इसे ऐसा सबक सिखाओ की कभी न भूले। इसके बाद उन लड़कों ने याची के बेटे को बुरी तरह से पीटा। पीटने के बाद पहले उसे पेशाब पिलाया गया और फिर मल जबरन उसके मुंह में ठूंस दिया गया।

याची ने कहा कि बाल सुधार गृह जैसे स्थान बच्चों की सुरक्षित हिरासत के लिए होते हैं, लेकिन हरियाणा में इन स्थानों पर क्रूरता का नजारा आम हो रहा है। याची ने हाईकोर्ट से अपील की कि बाल सुधार गृहों में मौजूद ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और इस मामले की जांच उच्च स्तरीय एसआईटी से करवाई जाए। हाईकोर्ट ने इस मामले में डीजीपी को खुद जांच से जुड़ी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं।

पीड़ित के पिता ने कहा कि जब उनका बेटा बाल सुधार गृह से जमानत पर बाहर आया तो बेटा ने बाल सुधार गृह में हुई क्रूरता के बारे में बताया तो परिजनों के पैरों तले की जमीन खिसक गई। जिसके बाद पीड़ित के पिता ने पीड़ित का मेडिकल कराया जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।


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Shivam

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