हाईकोर्ट ने हरियाणा के कॉलेजों में प्रिंसिपल पदों के प्रमोशन पर लगाई रोक

punjabkesari.in Friday, Jun 19, 2020 - 12:28 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को आदेश दिए हैं कि सरकारी कॉलेजों में प्रिंसिपलों के पदों पर किए जा रहे प्रमोशन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी जाए। वहीं हरियाणा के उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त प्रमुख सचिव और डायरेक्टर जनरल ऑफ हायर एजुकेशन को अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है।

बता दें कि 22 एसोसिएट प्रोफेसरों द्वारा एडवोकेट समीर सचदेवा के माध्यम से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है। समीर सचदेवा ने बताया कि सभी याचिकाकर्ताओं की पहले एड-हॉक पद पर नियुक्ति हुई थी, बाद में वे रेगुलर हो गए थे। लेकिन जब उनकी सीनियॉरिटी की बात उठी तो सरकार ने उनकी एड-हॉक के तौर पर की गई सेवा को सेवाकाल में शामिल नहीं किया। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई थी। 

हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए थे कि वह याचिकाकर्ताओं की एड-हॉक की सेवा को भी सेवाकाल में शामिल करे। लेकिन सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई 2018 को सरकार की अपील को खारिज करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। अपील खारिज होने के बाद सरकार ने फिर सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर कर दी। इसे भी सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष 6 मार्च को खारिज कर दिया। 

रिव्यू पिटीशन खारिज होने के बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर कर दी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने गत वर्ष नवंबर में खारिज कर दिया था। सभी याचिकाएं खारिज होने के बाद भी सरकार ने जब आदेशों को लागू नहीं किया तो याचिकाकर्ताओं ने इसके खिलाफ दोबारा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। हाईकोर्ट ने 24 जनवरी को याचिका का निपटारा करते हुए सरकार को तीन महीने में इनकी एड-हॉक की सेवा को सेवाकाल में शामिल कर सीनियॉरिटी लिस्ट बनाए जाने के आदेश दे दिए थे।

सीनियॉरिटी लिस्ट बनाएं फिर दे प्रमोशन
अब याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट को बताया कि सरकार ने इनमें से 85 प्रोफेसरों को प्रिंसिपल के पद पर प्रमोशन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है । जबकि बाकी की एड-हॉक की सेवा को अभी भी सेवाकाल में शामिल नहीं किया गया है। यह सीधे तौर पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना का मामला है। इनकी मांग है कि सरकार पहले एड-हॉक से रेगुलर हुए सभी की सीनियॉरिटी लिस्ट बनाए, उसके बाद ही प्रमोशन की जाए।


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Shivam

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