ऐतिहासिक फल्गु तीर्थ मेला आज से शुरू, चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर(Video)

punjabkesari.in Wednesday, Sep 26, 2018 - 08:51 AM (IST)

कैथल(अतुल गोयल): कैथल के कस्बा पुंडरी के गांव फरल में लगने वाला ऐतिहासिक फल्गु मेला आज से शुरू होकर 15 दिन तक चलेगा। पूरे भारत से श्रद्धालु इस मेले में दर्शन के लिए आएंगे। कैथल उपायुक्त ने यहां हवन करवाकर मेले का शुभारंभ किया साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चप्पे-चप्पे पर कैथल पुलिस की नजर रहेगी।  
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गौरतलब है कि कई राज्यों से श्रद्धालु पिंडदान करने के लिए इस मेले में दर्शन करने के लिए आते हैं। गांव फरल में स्थित फल्गु तीर्थ का उल्लेख धार्मिक ग्रंथों में देवताओं की तपस्या की विशेष स्थली के रूप में मिलता है। पित्तरों की तृप्ति और श्रेष्ठ फल के लिए मनुष्य अपने पित्तरों के पिंड श्राद्ध कर्म को संपन्न करता है। पित्तरों के पिंडदान और तर्पण के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लोग विभिन्न तीर्थ स्थानों पर जाते हैं।PunjabKesari 
जिस तरह भारत में विभिन्न धार्मिक कार्यो के लिए अनेक तीर्थ स्थान प्रसिद्ध हैं। उसी तरह हरियाणा प्रदेश में फल्गु तीर्थ पित्तरों के पिंड श्राद्ध कर्म व तर्पण के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। जो कैथल से 25कि.मी., कुरुक्षेत्र से 25कि.मी. और पिहोवा से20 कि.मी. ढांड-पुंडरी मार्ग पर दोनों के मध्य स्थित है।
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क्या मान्यता है फल्गु तीर्थ की 
इस तीर्थ का उल्लेख महाभारत, वामन पुराण,मत्स्य पुराण तथा नारद पुराण में स्पष्ट रूप से मिलता है। महाभारत एवं पौराणिक काल में इस तीर्थ का महत्त्‍‌व अपने चरमोत्कर्ष पर था। महाभारत एवं वामन पुराण में इस तीर्थ का उल्लेख देवताओं की विशेष तपोस्थली के रूप में मिलता है।
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इन धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस तीर्थ में सोमवार की अमावस्या के दिन स्नान एवं तर्पण करने से मनुष्य अग्निष्टोम तथा अतिरात्र यज्ञों के करने से कहीं अधिक श्रेष्ठतर फल को प्राप्त करता है। मात्र मन से जो भी व्यक्ति फलकीवन (फल्गु तीर्थ) का स्मरण करता है उसके पित्तर तृप्त हो जाते हैं। यह मेला 25 सितम्बर से 8 अक्टूबर तक लगेगा।


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Rakhi Yadav

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