हरियाणा की राजनीति में हुड्डा फिर गंभीरता से सक्रिय हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा

punjabkesari.in Thursday, Dec 07, 2023 - 05:29 PM (IST)

चंडीगढ़( चंद्र शेखर धरणी):  चार बड़े राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा में एक बार फिर गंभीर रूप से सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने न केवल कांग्रेस विधायकों के साथ बैठकों का सिलसिला बढ़ाया है अपितु और मेहनत के साथ वे जुट गए हैं। हालांकि, राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का प्रभाव चुनाव परिणामों में दिखाई दिया है जिससे वे उत्साहित हैं। इसके साथ ही वे इस बात से भी इत्तेफाक रखते हैं कि हरियाणा की सियासी रमज कुछ अलग है और यहां जनता प्रदेश सरकार से क्षुब्ध है। इसी को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र हुड्डा फिर से सक्रिय हो रहे हैं।

हाल ही में चंडीगढ़ में विधायकों की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सभी को ताकीद की कि वे राज्यों के विधानसभा नतीजों को हल्के में न लें बल्कि फील्ड में उतरकर जनता की नब्ज टटोलें। पार्टी विधायक अपने अपने हलकों में पूरी शिद्दत के साथ मेहनत करें और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर अभी से डट जाएं। हुड्डा ने 15 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के तीन दिवसीय सेशन को लेकर भी विधायकों को अपनी राय दी। प्रदेश के मुद्दों को विधानसभा में उठाने का आह्वान किया ताकि जनता के बीच यह संदेश जाए कि कांग्रेस उसकी चिंताओं से वाकिफ है।
चुनाव नतीजों के आंकड़ों पर भी हुड्डा पूरी तरह से गंभीर होकर काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि बेशक तीन राज्यों में कांग्रेस की पराजय हुई है लेकिन उसे मिला मत प्रतिशत बीजेपी से ज्यादा कम नहीं रहा। कई जगह तो पार्टी के उम्मीदवार 50-100 वोटों के अंतर से ही पराजित हुए हैं। हुड्डा इसी माह के अंतिम सप्ताह में हरियाणा के सीमावर्ती जिले सिरसा में रैली भी करने जा रहे हैं। कहने का मतलब सिरसा से लेकर गुरूग्राम तक पूरे हरियाणा के हर जिले और हर विधानसभा क्षेत्र में वे अपनी पार्टी की नीतियों को जनता तक ले जाने के लिए हर बेहतर प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं।

हरियाणा में हुड्डा ही एकमात्र ऐसे नेता हैं जो लगातार हरियाणा सरकार पर हमलावर रहे हैं और उनके सांसद पुत्र दीपेंद्र हुड्डा लगातार पूरे प्रदेश में घूम-घूमकर जनता के बीच कांग्रेस की सरकार बनाने की अपील कर रहे हैं। दीपेंद्र के कार्यक्रमों में ‘आया आया सीएम आया’ के नारे भी लगते हैं जो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने का काम कर रहे हैं। विपक्ष आपके समक्ष के सफल कार्यक्रमों से भूपेंद्र सिंह हुड्डा काफी उत्साहित हैं और उनमें आने वाली भीड़ को देखकर वे गद्गद होते हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा का प्रयास है कि हर विधानसभा हलके में उनकी पूरी तरह से पकड़ बने जो चुनावों के समय उनकी जीत को लाजिमी बनाने के लिए आवश्यक है।

सिरसा पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो के लिए उपजाऊ धरती रहा है लेकिन यहां से कांग्रेस के भी कई बार सांसद बने हैं। सिरसा से ही इनेलो के भी सांसद रहे हैं। इसी तरह स्व. भजनलाल का सियासी गढ़ माने जाने वाले हिसार में आज भी कुलदीप बिश्नोई का दबदबा है और आदमपुर से उनके पुत्र भव्य बिश्नोई विधायक हैं। इस सीट पर सदैव भजनलाल परिवार का कब्जा रहा है। भिवानी लोकसभा क्षेत्र चौ. बंसीलाल का गढ़ है। यहां से उनकी पुत्रवधू किरण चौधरी विधायक बनती रही हैं जो हुड्डा की धुर विरोधी हैं। ऐसे में हुड्डा चाहते हैं कि इन तीन लोकसभा क्षेत्रों में अपनी पकड़ को मजबूत करें।

रोहतक, झज्जर, सोनीपत जिलों में हुड्डा की काफी अच्छी पकड़ है। अगर सिरसा, हिसार और भिवानी लोकसभा उनके लिए दबदबे वाली सीटें बन जाएं तो विधानसभा में उनके लिए काफी आसान राह बन सकती है। इन तीन लोकसभा क्षेत्रों में ही कांग्रेस की गुटबाजी चरम पर है जो पार्टी के लिए मुसीबत बन सकती है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा इन तीनों लोकसभा सीटों पर काफी फोकस कर रहे हैं ताकि आने वाले विधानसभा चुनावों में यहां अपनी मजबूत स्थिति बनाएं और बहुमत मिलने पर सरकार बनाने के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी के लिए सशक्त सीएम उम्मीदवार साबित हो सकें। 
 


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Content Writer

Isha

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