मानवाधिकार आयोग का फैसला- बस यात्री को 20 हजार रुपये प्रतिमाह मुआवजा दे हरियाणा सरकार

punjabkesari.in Tuesday, Sep 28, 2021 - 06:06 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने एक मामले की सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार द्वारा एक बस यात्री को तीन महीने के लिए 20 हजार रुपये प्रतिमाह मुआवजे के रूप में देने का फैसला सुनाया है। इसके साथ ही डीजीपी हरियाणा को आदेश दिया है मामले में आपराधिक व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करें। मामला तकरीबन दो साल पुराना और हरियाणा रोडवेज विभाग से जुड़ा है, जिसमें एक कंडक्टर द्वारा यात्री से दुव्र्यवहार व मारपीट की गई थी। इस मामले में यात्री के खिलाफ दर्ज गलत एफआईआर को भी रद्द किया जा चुका है।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, हरियाणा रोडवेज की बस में यात्रा करने वाले पवन नामक व्यक्ति ने हरियाणा मानव अधिकार आयोग को अपनी शिकायत देते हुए बताया कि 6-7 सितंबर 2019 की रात को जब वह अपने भाई के साथ गोगा मेडी, हिसार से जींद आ रहा था तो रात को 1:00 बजे कंडक्टर अनिल कुमार के साथ टिकट लेने के विषय पर कुछ विवाद हुआ क्योंकि वह पैसे लेने के बाद भी टिकट देने में आनाकानी कर रहा था और मुश्किल से उसे टिकट दी गई। 

उसके बाद उक्त कंडक्टर का कुछ बुजुर्ग लोगों से भी टिकट ना देने को लेकर झगड़ा हुआ, जिसकी वीडियो बनाने का प्रार्थी ने प्रयास किया। जिस पर कंडक्टर अनिल कुमार भड़क गया तथा उसका मोबाइल फोन छीन लिया। प्रार्थी को चोटें भी लगी और शोर होने के बाद कंडक्टर ने ड्राइवर को बस को पुलिस स्टेशन ले जाने के लिए कहा परंतु पुलिस स्टेशन की बजाए वह बस को रोडवेज की वर्कशॉप में ले गए। जहां पर कई लोगों ने मिलकर प्रार्थी की पिटाई कर दी। जिसके बाद वह पुलिस थाने में उक्त अभियुक्तों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने गया परंतु पुलिस ने उसकी शिकायत ना दर्ज करके बाद में उल्टा प्रार्थी के खिलाफ यह झूठा मुकदमा बना दिया जिसे बाद में तफ्तीश करने पर झूठा पाया गया और एफआईआर को कैंसिल कर दिया गया।

वहीं रोडवेज विभाग ने अपनी जांच के अंदर प्रार्थी के व्यवहार को तो गलत तो माना परंतु पूरी घटना की सत्यता को प्रमाणित नहीं किया। कंडक्टर अनिल कुमार का तबादला दूसरे जिले भिवानी में कर दिया गया परंतु उसके खिलाफ कोई और अपराधिक या कठोर कार्रवाई नहीं की गई।

इस विषय की शिकायत प्रार्थी ने हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने को दी, जिसकी सुनवाई जस्टिस एसके मित्तल चेयरमैन हरियाणा मानव अधिकार आयोग व सदस्य दीप भाटिया ने की और पाया कि प्रार्थी के मानव अधिकारों का हनन किया गया है। ऐसे में मुआवजे के माध्यम से उसकी भरपाई की जानी आवश्यक है। अत: 20000/रु बतौर मुआवजा हरियाणा सरकार को तीन महीने देने के लिए कहा है, जिसे सरकार चाहे तो दोषी कर्मचारी से वसूल कर सकती है। साथ में ही आयोग की खंडपीठ ने डीजीपी हरियाणा को अपराधी व्यक्तियों के खिलाफ डॉक्टरी रिपोर्ट में बताई गई चोटों के अनुसार कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है।
 

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Shivam

Recommended News

Related News

static