मैं सिर्फ कानूनन जजपा का सदस्य हूं,मेरा उनसे कोई सरोकार नहीं हैं: राम कुमार गौतम

punjabkesari.in Wednesday, Dec 14, 2022 - 10:38 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  जेजेपी से विधायक और वरिष्ठ नेता राम कुमार गुप्ता ने पंजाब केसरी टीवी से एक्सक्सलूसिव अपने ही नेता दुष्यंत चौटाला को लेकर खूब तीखी टिप्पणियां की। उन्होंने कहा कि दुष्यंत के परिवार ने मुझे घेर-घोट कर मारा है। मै केवल कानूनन जजपा सदस्य हूं। मेरा उनसे कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें शुरुआत में ही मुझे पार्टी से निकाल देना चाहिए था। मै टिकट के लिए भीख मांगने नहीं गया था। उनके बातचीत के प्रमुख अंश प्रस्तुत है

 

 

प्रश्न:- 26 से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र को लेकर आप की क्या तैयारियां हैं ?

उत्तर:- तैयारी तो मेरी कोई भी नहीं है। जो बात ध्यान में आएगी वह रखूंगा। वेटरनरी सर्जन के पेपर दिए बच्चे मुझसे मिले थे। मुख्यमंत्री से भी उन्होंने समय लिया था। मैं उनके पक्ष में हूं। उनकी मांगे जायज है। जानकारी के अनुसार एमबीबीएस वालों को भी नौकरी करने का मौका दिया गया था। पता नहीं कितने साल में फिर नौकरियां निकलेंगे। इन बच्चों को भी नौकरियां मिलनी चाहिए।। विधानसभा सत्र में आवाज उठाऊंगा।

 

 प्रश्न:- आजकल एमबीबीएस के बच्चे भी काफी परेशानी में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं, क्या कहेंगे ?

 उत्तर:- मुझे ऐसा लगता है कि खट्टर साहब को बड़ा दिल करके उनकी मांगे मान लेनी चाहिए। उनकी जायज मांग है। क्योंकि एमबीबीएस चिकित्सकों की इतनी नौकरियां खाली पड़ी है। सरकार उन्हें भर नहीं पा रही। बहुत से डॉक्टर बेरोजगार घूम रहे हैं और मेरिट के हिसाब से ही बच्चों को जब एडमिशन मिलता है। तो बांड वाली शर्त रखना मेरे हिसाब से गलत है। ज्यादा से ज्यादा 10 लाख के बांड की बात पर बच्चे सहमति दे रहे हैं। बच्चों की मांग है कि 1 साल की सर्विस कंपलसरी कर दो और एक और गारंटी की पास आउट होने के बाद सभी बच्चों को नौकरी अवश्य मिलेगी। यानी उनकी यह मांगे वाजिब है और सरकार को यह मान लेनी चाहिए। मेरे विधानसभा में भी कई वैकेंसी खाली पड़ी है। हमारे सबसे बड़े गांव बांस में कोई चिकित्सक मौजूद नहीं है। इसलिए इन बच्चों से जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए। मनोहर लाल खट्टर एक भले आदमी है। उन्हें भलाई का यह काम करना चाहिए।

 

 प्रश्न:- एसवाईएल के पानी के मुद्दे पर कई आंदोलन हुए और कई सरकारें बनी। लेकिन समाधान आज तक कुछ भी नहीं क्या कहेंगे ?

उत्तर:- पंजाब का इलाज तो सुप्रीम कोर्ट के पास भी नहीं है और ना ही केंद्र सरकार के पास है। पंजाब से केंद्र सरकार डरती है और सुप्रीम कोर्ट भी सक्षम नहीं है। क्योंकि वह किसी फैसले को मानते ही नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और जब अकालयो की हुकूमत थी उन्होंने खड़े होकर कहा था कि एक बूंद भी पानी नहीं देंगे। असेंबली में एक रेजुलेशन तक डाल दिया गया था यानी हिंदुस्तान की सरकार को पंजाब नहीं मानता। इसलिए उनका कोई इलाज नहीं है। पाकिस्तान से लगते प्रदेश के कारण कोई बड़े मसले ना खड़े हो जाए इसलिए सभी चुप रहने में फायदा समझते हैं। विधानसभा में उन्होंने अपनी मर्जी से हमें जगह दी। हमारा पूरा हिस्सा आज तक नहीं दिया गया। मेरा मानना है कि पंजाब और हरियाणा बन्ना ही गलत था। पंजाबी सूबा लेकर उन्होंने बड़ी गलती की है। बार-बार कहते हैं चंडीगढ़ साडी है पानी साड्डा है। अरे भले मानसून सारा तुम्हारा ही तो था। तुमने यह गड़बड़ क्यों की। प्रताप सिंह कैरों एक काबिल मुख्यमंत्री थे। किसी को उनके राज में कोई तकलीफ नहीं थी। एक बार गलती से कामरेड रामकिशन जो स्वतंत्रता सेनानी थे उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया तो किसी को बर्दाश्त नहीं हुआ। पंजाबी सूबा पंजाबी सूबा शोर मचा रहा। न तो पानी का मतलब सुलझ सकता है और ना ही चंडीगढ़ का। अब कह रहे हैं कि विधानसभा अलग भी नहीं बनने देंगे।

 

 

 प्रश्न:- अमित शाह ने हरियाणा के अलग नई विधानसभा के लिए 10 एकड़ जमीन की बात कही है ?

 उत्तर:- यह बेवकूफी है। पागलपन है। यह कुछ भी बात नहीं है। मैं तो कहता हूं कि इसकी जरूरत ही नहीं थी। यही अगर वह अपना हिस्सा ले लेते। मान लो अलग विधानसभा बना भी ली और वहां चले भी गए तो भी यह लोग जबरदस्ती कब्जा कर लेंगे और उनसे छीनने की इनके पास ताकत नहीं है। पंजाब कानून को नहीं मानता। पंजाब से केंद्र डरता है। वह सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं मानते। इसलिए यह इनके बस की बात नहीं है।

 

 प्रश्न:- जेजेपी के विधायक होने के बावजूद आप उनकी रैली से नदारद क्यों रहे ?

 उत्तर:- मैं केवल कानूनन जेजेपी का एमएलए हूं। मैं कभी इनका टिकटार्थी नहीं रहा। मैं तो इस पार्टी का फाउंडर हूं। अगर समझदारी शुरू में ही करते हैं और पार्टी से मुझे निकाल देते तो कम से कम मैं आजाद रहता। मै इनके खिलाफ एक भी शब्द ना बोलता। इनके परिवार की मदद से मैं विधायक बना हूं और मेरी मदद से यह बने हैं। मेरे पास कुछ भी नहीं और उनके पास सब कुछ है। इन्हें सोचना चाहिए था कि भले आदमियों मेरी उम्र 77 साल है। इतना अन्याय मत करो। कम से कम एक विधायक तो रहने दो। मैंने इनके पिताजी की पार्टी की तन मन  धन से जोर लगाकर मदद की। इस लड़के की भी मैंने मदद की। सारे उम्मीदवारों के लिए मैंने ताकत लगाई। एक माहौल तैयार किया। लेकिन मेरे साथ इतना जुल्म करने की इन्हे क्या जरूरत थी। अगर यह समझदार होते तो मैं एक भी शब्द इनके खिलाफ ना बोलता। मैं इनके पास कहीं भीख मांगने नहीं गया था। इन्होंने अपने हिसाब से अपने फायदे के लिए मुझे टिकट दी। आज मेरा इनके साथ कोई कनेक्शन नहीं है। यह रैली करें- अच्छी करें या बुरी, मेरा इस पार्टी से - इनसे कोई लेना-देना या कोई कनेक्शन नहीं है। इन्होंने मुझे घेर घोटकर मारा है। जबरदस्ती मुझे बांधकर रखा हुआ है। मैं इन्हें देख कर भी राजी नहीं हूं। मैं आज कोई ऐसा फ्रंट नहीं छोड़ना चाहता। यह क्या कर रहे हैं, मुझे एक एक हर्फ का पता है। लेकिन चुपचाप आराम से बैठा हूं। मुझे इनके सारे खेल का पता है।

 

प्रश्न:- क्या कभी मान मुनव्वल की भी कोशिश नहीं हुई ?

उत्तर:- इन्होंने खूब कोशिश की। 15-20 दिन पहले निशान सिंह का फोन आया कि मैं और दिग्विजय आपसे मिलना चाहते हैं। आपकी चाय पीना चाहते हैं।मैंने कह दिया कि मेरे पास मत आना। पहले 3 साल मेरे बर्बाद कर दिए। अब मैं कोई कनेक्शन नहीं रखना चाहता। आओगे तो दुख पाकर जाओगे। इन्होंने लगातार कोशिशें की हैं। मैं उन्हें इस बात के लिए कोई गुनाहगार नहीं मानता। विधायक बनने के बाद पहली मीटिंग में ही जब उस लड़के की बात सुनी तो उसी समय लगा कि यह तो कोई सौदा ही नहीं है। उसे समझ ही नहीं है कि मैं कौन हूं। उसे नहीं पता कि मैं तुम्हें बनाने वाला हूं। मैं तो एक एमएलए हूं और तुम आज हरियाणा के मालिक बन गए हो। खट्टर साहब कमजोर मुख्यमंत्री हैं। अमित शाह से डायरेक्ट डील होती है। अमित शाह को क्या इंटरेस्ट है वह अमित शाह ही बता पाएंगे।

 

 प्रश्न:- एक समय ओपी चौटाला कटाक्ष करते थे कि दादा गौतम कि यह लोग ज्यादा सुनते हैं, असली दादा की नहीं ?

उत्तर:- मैं चौटाला साहब के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहता। हमने चौटाला का बहुत सम्मान किया है। उनके उम्मीदवारों की मदद की है। लेकिन चौटाला ने सब कुछ खत्म करके मेरे खिलाफ ही भगतराम को खड़ा कर दिया था। वह किसी समझौते को नहीं मानता था। इसीलिए उसकी करनी उसके आगे आ रही है। 10 साल की बड़ी सजा उन्हें सुनाई गई। यह तो आपस में अंडरस्टैंडिंग कर लेते हैं नहीं तो सारा कुनबा जेल में होता। कोई कायदे कानून इस देश में नहीं है। अरब खाओ या खराब खाओ या पूरा देश खाओ। चौटाला साहब ने कौन सा अच्छा काम किया है। भाजपा और अटल बिहारी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया और वह उन्हीं को खा गया। बड़े गर्व से कहता था कि ब्राह्मण को इस धरती से खो दूंगा। भाजपा और ब्राह्मण दो चीज कहीं नहीं मिलेंगे। इन्हीं हरकतों के कारण उन्हें सजा मिल रही है। ईडी ने उसकी 200- 250 करोड़ की  प्रॉपर्टी भी जबत की है।

 

 प्रश्न:- राहुल की "भारत जोड़ो यात्रा" के बारे में आपके क्या विचार हैं ?

 उत्तर:- राहुल को अगर समझ होती और राजनीति को अगर वह जानता होता तो वह नेहरू खानदान का वारिस था। लेकिन उसे तो अकल ही नहीं है। वह एक बेअकला लड़का है। इमरजेंसी के वक्त मुझे 3 साल की सजा हुई। लेकिन इंदिरा के हार जाने के बाद एमरजैंसी हट गई थी। नहीं तो मैं 3 साल सजा काटता। बावजूद इसके इंदिरा के नष्ट होने पर मेरे चाचा के पास हुक्का पीने वाली टोली मुझे पूरी मायूस ऐसे नजर आई जैसे किसी के मर जाने पर मातम मनाया जाता है तो मैंने जाकर इसका कारण पूछा तो जवाब मिला कि इंदिरा को गिरफ्तार कर लिया गया है और मैंने कहा कि इंदिरा गांधी हमारी क्या लगती थी, उसके कारण 3 साल की सजा हुई थी और मैं जेल काट कर आया हूं तो फिर मुझे जवाब दिया गया कि बेटा आखिर में थी तो वह नेहरू की बेटी। लेकिन आज नेहरू का वारिस राहुल गांधी तो वैसे ही घूम फिर रहा है। वह जहां घूम रहा है वहां इसे कुछ नहीं मिलने वाला। कुछ दिन में वहां ओवैसी कब्जा कर लेगा। अगर हरियाणा कांग्रेस से हुड्डा को निकाल दो तो हरियाणा में कांग्रेस निल हो जाएगी। किसी भी नेता के पास 4 वोट भी नहीं है। आदमपुर उपचुनाव ने साबित कर दिया है कि हरियाणा में मुकाबला भाजपा और हुड्डा कांग्रेस में होने वाला है। जाट कोम हरियाणा की शक्तिशाली कौम है और हुड्डा के साथ है। अभी तक खट्टर साहब से ब्राह्मण नाराज था। अब कुछ मांगे मानी है। 2015 में 400 से अधिक बच्चों ने अप्लाई किया था, उन्हें रोजगार नहीं मिला। इस महाकुंभ में उन्हें एक बयान देना चाहिए कि हम ज्वाइन करवा रहे हैं। लेकिन ऐसे ऐसे लोग बिठा रखे हैं जिन्हें किसी बात की समझ ही नहीं है। कुछ अटपटे कानून पिछली सरकार छोड़ गई और कुछ इनकी सरकार कर रही है। 60-60, 70-70 साल से पंचायती जमीनों पर बैठे लोगों को हटाने के कानून बन गए। आज प्रदेश के 23 जिलों में एक भी ब्राह्मण एसपी नहीं है। इससे लोगों में खट्टर के प्रति बड़ी नाराजगी थी। अब कुछ मांगे मानी है आगे देखते हैं क्या होगा।

 

 

 प्रश्न:- हुड्डा के खिलाफ शैलजा- सुरजेवाला और किरण तीनों ग्रुप खड़े हो गए हैं, क्या कहेंगे ?

उत्तर:- हुड्डा ने हरियाणा में 10 साल तक राज किया है। इसलिए उसका बड़ा आधार है। बाकियों का आधार कुछ अपने अपने क्षेत्र में ही है। सुरजेवाला विधायक का चुनाव हार गया, उसका आधार सामने आ चुका है। शैलजा भी हार गई थी। तवर और शैलजा को जिले तक नहीं बनाने दिए। तवर को निकाल दिया गया। हुड्डा अपनी ताकत से मीटिंग में नहीं गए। विधायक उनके साथ थे।

 

 प्रश्न:- 3 साल में अपने-अपने क्षेत्र में क्या अहम कार्य करवाए?

 उत्तर:- मैंने मेरे क्षेत्र में कोई काम नहीं करवाया। मैं बिल्कुल नालायक विधायक हूं। मैंने इस्तीफा इसलिए नहीं दिया, क्योंकि मेरी वजह से इन लोगों को राज मिला है। अगर मैं राज में कारण ना बना होता तो विधायक पद से भी इस्तीफा दे देता। आज भाई भतीजे, रिश्तेदार, वर्कर पूछते हैं कि विधायक किस लिए बने। नारनौंद की सड़कें टूटी हुई है। नारनौंद बाईपास इन्होंने बनने नहीं दिया। पीडब्ल्यूडी का मालिक उप मुख्यमंत्री बना बैठा है। जींद से हांसी तक रोड बिल्कुल खत्म है। कई बार सड़क ठीक करने को कहा लेकिन नहीं हो पाई। मुझसे बिना पूछे ही मेरे क्षेत्र में काम करवाए जाते हैं। नारनौंद एक डिवीजन है। पुराना कस्बा है और हल्का भी इसी नाम से है। लेकिन मैं कोई काम नहीं करवा पाया। नारनौंद बाईपास की मेरी मुख्य मांग हमेशा रही है। कैप्टन अभिमन्यु के वक्त बाईपास समेत दो और सड़कें बनाने की घोषणा खुद मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। नारनौल सबडिवीजन तो बन गया लेकिन सिविल कोर्ट तक भी यहां नहीं है। मुझसे पहले कैप्टन अभिमन्यु ताकतवर मंत्री था। उसने काफी काम किए। लेकिन कई सड़कें बनते बनते टूट गई। मुझे तो लोग गालियां कोसेंगे। कहेंगे कि ऐसा विधायक बनाया जिसने कुछ नहीं किया। आज भी चाहता हूं कि मनोहर लाल सबका भला करें। सबको हक दे। मैं आज तक अपने क्षेत्र के अवैध कॉलोनियों को वैध नहीं करवा पाया। सरकार रजिस्ट्री के पैसे लेती है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग वाले भी लूट रहे हैं। जिसने पैसे देकर जमीन ली वह भी लूट गया। किसी भी वक्त आकर गिरा दी जाती हैं। मैंने हर सेशन में यह आवाज उठाई। लेकिन मैं कुछ काम नहीं करवा पाया।

 

 प्रश्न:- अगले 2 साल का आप का रोडमैप क्या है ?

उत्तर:- मैं किसी काम का नहीं हूं। बूढ़ा हो गया हूं। पैर में कमी के कारण ऑपरेशन करवाया है। अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हूं। आगे क्या होगा मुझे पता नहीं है। एक बात कहता हूं कि विधायक और सांसद बनकर कोई क्या कर लेगा। राजीव गांधी ने एंटी डिफेक्शन वाला कानून ऐसा बनाया कि विधायक ऐसे घूमते हैं जैसे मेंबर पंचायत भी ना हो। केवल गाड़ी घोड़ा लेकर घूमते रहो। मीटिंग तो चंडीगढ़ में अटेंड करते हैं, लेकिन अधिकारी उनकी सुनते तक नहीं। अधिकारी फोन नहीं उठाते। बेहद बुरा हाल है। एक मुख्यमंत्री और यह छोरा जो मेरी मदद से बना है यह किसी को रोजगार तो नहीं दे रहा है, लेकिन माल वाले मामले में यह बिल्कुल सही है। ऊपर से सांठगांठ ऐसी कर रखी है कि मौज मार रहा है।

 

प्रश्न:- विधानसभा स्पीकर ने पीछे प्रयास किए थे कि हर जनप्रतिनिधि का फोन अधिकारी जरूर उठाएगा ?

उत्तर:- कई अधिकारी स्पीकर का ही फोन नहीं उठाते तो स्पीकर ने उनका क्या कर लिया। बेशक स्पीकर कोशिश करता है और कोशिश करनी भी चाहिए। लेकिन सारी चीजें ज्यादातर मुख्यमंत्री पर ही निर्भर करती हैं। स्पीकर तो केवल कह ही सकता है।

   

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma

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