जल जमाव से बदहाल हुआ औद्योगिक क्षेत्र

punjabkesari.in Monday, Jul 19, 2021 - 05:51 PM (IST)

गुडग़ांव (ब्यूरो): एक दिन की बारिस ने पूूरे शहर का हूलिया बिगाड़ दिया है। फिर वो चाहे आईएमटी हो या फिर सेक्टर-37, उद्योग विहार औद्योगिक क्षेत्र। जलजमाव से न केवल वाहनों को आने जाने में परेयशानी हो रही बल्कि दिन रात उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों को घुटने से उपर पानी आना जाना पड़ रहा है। जिला प्रशासन की ओर से इस बार जल जमाव नही होने के दावें किए गए थे। मगर पिछले 2 दिनों से हो रही लगातार बारिस में प्रशासन के दावें भी धूल गए।

ज्ञात हो कि सैक्टर-37 स्थित पेस सिटी-1 व पेस सिटी- 2 में एक हजार से अधिक कंपनियां है। जहां पर रोजाना करोड़ों का टर्न ओवर होता है। बावजूद इसके सरकार व जिला प्रशासन के दावों के बाद यहां की हालत दयनीय बनी हुई है। उद्योग संचालकों से मिली जानकारी के मुताबिक कंपनियों में गारमेंन्टस, टूल्स, प्लास्टिक, कांच, पाइप, आटोमोबाइल्स व फूड निर्माण सहित अन्य उत्पादन किए जाते है। लेकिन सडक़ों पर जल जमाव व सीवर लाइनों का ओवर फ्लो होना दिनों दिन यहां के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। कंपनी में सीवर व बरसात दोनो का पानी घुस रहा है। जिससे माल खराब होने के साथ कार्य की रफ्तार भी बाधित हो रही है। वही दूसरी ओर कुछ ऐसा ही हाल आईएमटी मानेसर का भी जहां कई कंपनियों व सडक़ों पर पानी भर गया है। इसे लेकर कई बार शिकायतें की गई लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नही की जा सकी।

क्या है वजह

इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष के के गांधी ने बताया अवैद्य कालोनियां व खराब सीवर लाइनों को उद्योग क्षेत्र की सीवर लाइन से जोड़ दिया गया है जिससे आए दिन ये समस्या पैदा हो रही है। वही स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम के एसडीओ, से लेकर जेई व स्थानीय नेताओं की जानकारी होने के बाद भी इस पर रोक नही लगाई जा रही है।

करोड़ों की सडक़े जमा है गंदा पानी

क्षेत्र के निवासियों की मानें तो हाल में ही टेंडर के तहत यहां की सडक़ों का निर्माण करवाया गया था। जिसपर 17 से 18 करोड़ रूपए की लागत आई थी। लोगों का कहना है कि आज उन्ही सडक़ों पर बारिस, सीवर व नालों का गंदा पानी जमा है। जबकि लोगों को यहां पर सडक़ों पर चलने के वजाय पटरी व अन्य रास्तों से जाना पड़ रहा है। लोगों का आरोप है कि क्षेत्र से सबसे ज्यादा राजस्व सरकार को जाता है। वावजूद इसके रास्ता, सीवरेज के अलावा पर्याप्त बिजली व पानी भी उद्योग क्षेत्र के लिए समस्या बनी हुई है।

 


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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