भाषा व कलाओं का संगम बना अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव

punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2019 - 01:07 PM (IST)

कुरुक्षेत्र(धमीजा): अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव देश के विभिन्न राज्यों की भाषाओं और कलाओं का संगम बन गया है। इस महोत्सव के ब्रह्मïसरोवर तट पर दूर-दराज से आने वाले पर्यटक लोक संस्कृति, नृत्य और शिल्पकलाओं का आनंद ले रहे हैं। इस महोत्सव की शिल्प कला और लोक कला को देखने के लिए रूस और बंगलादेश के सैलानी भी पहुंचे हैं। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के 6वें दिन वीरवार को रूस से 15 सैलानियों का एक ग्रुप और बंगलादेश से 7 सैलानियों का एक गु्रप शिल्प और सरस मेले के साथ-साथ महोत्सव का आनंद लेने के लिए पहुंचा। 

रूस के गु्रप का नेतृत्व मंगलम् कर रहे थे, रूस निवासी मंगलम् को भगवान श्रीकृष्ण की धरा कुरुक्षेत्र और हिन्दी से खासा लगाव है, इस लगाव के चलते मंगलम् ने रूस में रविन्द्र नाथ टैगोर बाल निकेतन के नाम से हिन्दी संस्थान को चला रहे हैं। इसके अलावा बंगलादेश के गु्रप का नेतृत्व पुलकराह कर रहे थे। इन विदेशी सैलानियों ने खादी, कश्मीर के शाल और सूट के साथ-साथ अन्य स्टालों से खरीदारी की और मेले का खूब आनंद लिया। महोत्सव में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला की तरफ से विभिन्न प्रदेशों से लोक कलाकारों ने आज अपने-अपने प्रदेश की लोक संस्कृति को अपने नृत्यों और पारम्परिक वेशभूषा के माध्यम से प्रदॢशत किया।

इन कलाकारों ने अपने-अपने देश की भाषा में लोक गीत गाए, इसलिए भाषा और लोक नृत्यों के मिश्रण ने ब्रह्मïसरोवर के तट पर एक अलग छठा बिखेरने का काम किया। इस अनूठे संगम को देखकर प्रत्येक पर्यटक अपने आप को ब्रह्मïसरोवर की तरफ आने से नहीं रोक पा रहा था। इन कलाओं की संगम स्थली को देखने के लिए दूर-दराज से पर्यटकों की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है।

के.डी.बी. के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि देश विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए के.डी.बी. की तरफ से हर तरह के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। के.डी.बी. का प्रयास है कि किसी भी पर्यटक को रत्ती भर भी परेशानी न आने दी जाए। इस महोत्सव में लगातार पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है और आने वाले समय में इस महोत्सव में लाखों की संख्या में पर्यटक आनंद लेने के लिए पहुंचेंगे। 


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Edited By

vinod kumar

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