सुर्जेवाला के लिए हरियाणा की सीमाएं सील: दिग्विजय सिंह चौटाला

punjabkesari.in Wednesday, Jan 18, 2017 - 08:25 PM (IST)

कैथल (रमन गुप्ता): इनसो राष्ट्रीयाध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि SYL के मुद्दे पर कांग्रेस नेता एवं स्थानीय विधायक रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने खुलेआम पंजाब का साथ देकर हरियाणावासियों के साथ विश्वासघात किया है। अब हरियाणा में रहकर उसके लिए राजनीति करने का कोई हक नहीं रह गया है। यह बात दिग्विजय सिंह चौटाला ने सुर्जेवाला के खिलाफ प्रदेशभर से लामबंद हुए हजारों इनसो कार्यकर्ताओं का नेतृत्व करते हुए लघु सचिवालय के प्रांगण में सुर्जेवाला का पुतला फूंकने के बाद कही। 

उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ सुर्जेवाला के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और नायब तहसीलदार सतप्रकाश शर्मा को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मुख्य तौर पर सुर्जेवाला को विधायक पद से बर्खास्त करने की मांग की गई है। इनसो कार्यकर्ता जवाहर पार्क एकत्रित होकर एक जुलूस की शक्ल में स्थानीय विधायक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे जहां इन कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चौटाला ने ऐलान किया कि रणदीप सुर्जेवाला के लिए हरियाणा की सीमाएं हमेशा के लिए बंद हो गई है और नैतिक तौर पर भी सुर्जेवाला का हरियाणा में आना वाजिब नहीं है। 

उन्होंने कहा कि जब तक सुर्जेवाला हरियाणावासियों से माफी नहीं मांगता इनसो के हजारों लाखों कार्यकर्ता उसे न तो कोई राजनैतिक कार्यक्रम हरियाणा में करने देंगे और न ही किसी परिचर्चा में शामिल होने देंगे। चौटाला ने चेतावनी देते हुए कहा कि एक सप्ताह के भीतर-भीतर यदि रणदीप सुर्जेवाला माफी नहीं मांगते तो 10 जनपथ के सामने जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। चौटाला ने कहा कि कांग्रेसघास बड़ी निकम्मी होती है और इसे जड़ से उखाडक़र ही साफ किया जा सकता है। दिग्विजय ने कहा कि हरियाणा के हित के लिए ओमप्रकाश चौटाला का निर्देश आएगा उसकी पालना में इनसो किसी भी कीमत पर पहली पंक्ति में खड़ी नजर आएगी।

इनसो नेता ने कहा कि पंजाब में जो भी पार्टी चुनाव के दौरान हरियाणा के हिस्से का पानी देने का दम भरेगी इनेलो खुलकर उस दल का प्रचार करेगी जो पार्टी हरियाणा विरोधी बात करेगी उसे हरियाणा में घुसने नहीं दिया जाएगा। चौटाला ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद पंजाब के हक में कुछ नहीं बचा है और अब केवल हिम्मत करने की कमी है क्योंकि कई बार अपने अधिकारों को पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है और संघर्ष की सफलता में देर हो सकती है लेकिन संघर्ष कभी विफल नहीं रहता क्योंकि संघर्ष सदैव सक्षम है।


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