किसान हित के बिलों से कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों की खिसक गई  राजनीतिक जमीन : कंवरपाल

punjabkesari.in Thursday, Oct 08, 2020 - 09:39 AM (IST)

चंडीगढ़ : शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित कृषि कानूनों के बारे में कांग्रेस व अन्य विपक्षी पाॢटयों में बेचैनी पैदा हो गई है, क्योंकि किसान हित के इन कानूनों से उनकी राजनीतिक जमीन खिसक गई है और वे किसानों को बरगलाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। कंवरपाल हरियाणा निवास में पत्रकार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को इस बात की ङ्क्षचता है कि किस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में दोबारा सत्ता में आ गई।

कांग्रेस को भविष्य में भी सत्ता दूर-दूर नजर नहीं आ रही, इसलिए वे अपने हितों की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हरियाणा में यात्रा दौरान प्रदेश के नेताओं में चाहे वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अध्यक्ष कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुर्जेवाला या किरण चौधरी हो सभी में राहुल गांधी का ट्रैक्टर चलाने की लगी होड़ देखने को मिली।
उन्होंने कहा कि किसान को मंडी से बाहर अपनी उपज का न्यूनतम समर्थन से अधिक भाव मिलता है तो विपक्षी पाॢटयों को किस बात की तकलीफ है।  
 
कंवरपाल ने कहा कि मंडियों से बाहर उपज बेचने से किसान का रिस्क कवर हुआ है, क्योंकि अगर इन कानूनों से पहले मंडियों से बाहर अपनी उपज बेचता तो कृषि विपणन बोर्ड के कर्मचारी उस पर जुर्माना लगाते। अब ऐसा करने पर जुर्माना नहीं लगा सकेंगे। कांग्रेस बताए कि क्या उनके 10 वर्षों के कार्यकाल में बाजरे की सरकारी खरीद की गई थी। क्या इनैलो के इससे पहले के 6 वर्षों के कार्यकाल में यह खरीद की गई थी। क्या पड़ोसी राज्य पंजाब व राजस्थान में यह खरीद हुई है। कांग्रेस पार्टी सिर्फ गलतफहमी फैला रही है। ये सभी बिल 100 फीसदी किसान हित में हैं। उन्होंने कहा कि वे किसी भी टैलीविजन डिबेट में चर्चा करने को तैयार हैं। 
 
स्कूल खोले जाने के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में शिक्षा मंत्री ने कहा कि 15 अक्तूबर से छठी से आठवीं तक की कक्षाएं खोलने पर विचार किया जा रहा है। जैसे कि पहले 9वीं से 12वीं की कक्षाएं खोली गई थी। उसके बाद छोटी कक्षाएं खोलने पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड के चलते सिलैबस में भी आवश्यकतानुसार कमी की गई है। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News

static