कुंडली बार्डर : बीबी जगीर कौर के बयान पर भड़के किसान, की कार्रवाई की मांग

punjabkesari.in Friday, Dec 18, 2020 - 09:17 AM (IST)

सोनीपत : कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली बार्डर पर डटे किसानों ने वीरवार को एक बार फिर पत्रकार वार्ता की। किसानों ने बीबी जगीर कौर के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। किसान नेताओं ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब और शिरोमणि अकाली दल दोनों संस्था बीबी जगीर कौर पर कार्रवाई करें। उन्होंने बयान की निंदा करते हुए कहा कि प्रतिष्ठित पद पर बैठे लोगों का किसान के नाम पर राजनीति करना अच्छी बात नहीं। 

किसानों ने कहा कि यह किसान का आंदोलन है और इसमें हर किसी का समर्थन है लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि कोई भी इस पर राजनीति करे। उन्होंने कहा कि किसान देश के हर उस आदमी की लड़ाई लड़ रहा है जो खेती या किसानी से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है। किसान नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के केस को लेकर स्पष्ट किया कि जब तक उनके हाथ में कुछ नहीं है वे कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। इसके लिए 4 वरिष्ठ वकीलों प्रशांत भूषण, दुष्यंत दवे, कोलिंग गोसालवस, एच.एस. फूलका की समिति गठित कर दी गई है। यह किसानों की ओर से क्या करना क्या नहीं करना, तय करेगी।

कुंडली बार्डर पर किसान नेता बूटा सिंह बुर्जगिल, बलबीर सिंह राजेवाल, चरणजीत सिंह सेखों, शमशेर सिंह दहिया, शिवकुमार काका, के.बी. बिजू आदि ने कहा कि दिल्ली-नोएडा के चिल्ला बार्डर पर किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही महिला किसानों पर लाठीचार्ज हुआ है। मध्य प्रदेश व अन्य जगह से आने वाले किसानों को रोका जा रहा है। इसकी किसान संगठन निंदा करते हैं और इसका माकूल जवाब सरकार को देंगे। उन्होंने कहा कि बाबा राम सिंह एक संदेश देकर गए हैं कि उनकी शहादत के उपरांत भगत सिंह की फांसी के बाद की तरह इंकलाब आएगा। भाजपा का पर्दाफाश करने के लिए यह बहुत बड़ा सबक है।

उन्होंने बताया कि शुक्रवार को धरनास्थल से किसान नेता और सदस्य बाबा राम सिंह की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए जाएंगे। बाबा की शहादत को जाया नहीं जाने देंगे। वीरवार को किसानों ने स्टेज से 2 घंटे तक गुरबाणी का पाठ कर बाबा को नमन किया। इससे पहले किसान संगठनों की कोर कमेटी की बैठक में अभी तक के आंदोलन को लेकर चर्चा की गई और विश्लेषण किया कि यह आंदोलन तेजी से बढ़ रहा है। देशभर में आयोजित होंगी श्रद्धांजलि सभाएं: किसानों ने कहा कि हरियाणा, यू.पी., पंजाब, उत्तराखंड से किसान दिल्ली के लिए चल रहे हैं। वहीं केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, प. बंगाल, ओडिशा से किसान नहीं आ सकते हैं तो इन्होंने वहां कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किए। उन्होंने दोहराया कि 20 को शहीद हुए किसानों की याद में देशभर में गांव, ब्लॉक और जिले स्तर पर श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जाएंगी।


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Manisha rana

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