हरियाणा से शुरू हुई लाल डोरा मुक्त योजना के आधार पर केंद्र ने देश में शुरू की स्कीम

punjabkesari.in Friday, Dec 04, 2020 - 11:06 AM (IST)

चंडीगढ़(संजय अरोड़ा): समूचे देश में आधी आबादी गांवों में भी बसती है और इसी बात का जिक्र देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राजनीतिक मंच से करते हुए कहा था कि आधा भारत गांवों में रहता है। शायद यही वजह है कि इस ‘भारत’ को संवारने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी दो कदम आगे बढ़ते हुए हरियाणा के गांवों में मनोहारी योजना लागू की है। खास बात ये भी है कि सी.एम. खट्टर द्वारा प्रदेश के गांवों में शुरू की गई लाल डोरा मुक्त योजना को देख केंद्र सरकार ने भी इसे पूरे देश में स्वामित्व योजना के रूप में लागू किया। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की यह योजना न केवल प्रदेश के गांवों के लिए काफी प्रभावी है अपितु जिस लिहाज से केंद्र सरकार ने इस योजना के आधार पर उसे देश में लागू किया उससे कहीं न कहीं केंद्र में सी.एम. खट्टर का विश्वास और काबलियत और पुख्ता हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस योजना के तहत अब तक प्रदेश के 227 गांवों के 21 हजार 927 परिवारों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक मिल चुका है।

ऐसे मिल रहा प्रदेश के ग्रामीणों को लाभ
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश के गांवों को शहरी तर्ज पर विकसित करने के लिए कई महत्वकांक्षी योजनाओं का खाका खींचा और इन सभी योजनाओं को क्रियान्वित भी करके ग्रामीणों की तस्वीर तदबीर को बदलने का प्रयास भी किया। इन्हीं योजनाओं के तहत ही सी.एम. खट्टर ने विकास के साथ साथ ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने के लिए गांव सिरसी (करनाल) से लाल डोरा मुक्त योजना को लागू किया। योजना के लागू होने से आए परिणामों को देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए पूरे देश में स्वामित्व योजना लागू कर दी। हरियाणा में शुरू हुई इस योजना के तहत जहां अब तक 21 हजार से अधिक ग्रामीणों को मालिकाना हक का लाभ मिल चुका है तो वहीं खट्टर सरकार की ओर से तीन शहरों करनाल, जींद व सोहना को भी लाल डोरा मुक्त कर दिया गया है। लाल डोरा मुक्त योजना से प्रदेश के ग्रामीणों को जमीन की खरीद-फरोख्त व उस पर ऋण लेने का अधिकार मिला और मालिकाना हक से संबंधित सभी विवादों पर भी अंकुश लगा है।

गांवों की छोटी सरकारों के माध्यम से विकास
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सरकार के अपने पहले कार्यकाल में ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने के इरादे से नया प्रयोग करते हुए जहां एक शिक्षित पंचायत बनाने का बड़ा निर्णय लिया तो वहीं इन पंचायतों की शक्तियों को भी बढ़ाया। 

गांवों में समाजिक पहले ये भी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, विकास और अन्य सुविधाओं के विस्तार के साथ साथ सामाजिक दृष्टि के लिहाज से भी बड़ा कदम उठाया और इसके तहत गांवों में शराब का ठेका खोलने अथवा न खोलने की शक्ति भी ग्राम सभा को दी ताकि गांवों में सामाजिक भाईचारा बना रहे और शराब के ठेके को लेकर किसी का परस्पर टकराव न हो। इसमें यह प्रावधान किया गया कि यदि 10 प्रतिशत ग्रामीण ठेका न खोलने का प्रस्ताव करते हैं तो गांव में ठेका नहीं खुलेगा। इस योजना के तहत प्रदेश के 430 गांवों से प्रस्ताव आए और यहां अब शराब के ठेके नहीं हैं। 

ग्रामीणों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की कवायद
हरियाणा सरकार की ओर से प्रदेश के ग्रामीणों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में भी कई कारगर कदम उठाए गए और इसके तहत पशुपालन व मत्स्य पालन को आय का साधन बनाया गया। दुधारू पशुओं की खरीद के लिए बैंक ऋण पर ब्याज अनुदान की सुविधा प्रदान की गई और इस योजना के तहत अब तक 1692 डेयरी इकाइयां भी स्थापित की गई हैं। 17 हजार 216 हैक्टेयर जलक्षेत्र में मत्स्य पालन के तहत 22500 मत्स्य पालकों द्वारा 8232 पंचायती तथा 2100 निजी तालाबों में मछली उत्पादन को बढ़ाया गया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 1400 मछुआरों व मत्स्य पालकों का 5 लाख रुपए तक नि:शुल्क बीमा भी किया गया है।


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Isha

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