घोषणाओं से सिख समाज का दिल जीता मनोहर लाल ने

punjabkesari.in Monday, Aug 05, 2019 - 10:41 AM (IST)

संजय अरोड़ा: गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 4.91 फीसदी,जबकि सिरसा में 26 प्रतिशत सिख समुदाय की जनसंख्या है। अतीत के राजनीतिक पन्ने खंगालें तो इससे पहले सिख मतदाताओं का अधिक रुझान कांग्रेस व इनैलो की तरफ रहा है। 2009 एवं 2014 के विधानसभा चुनाव में तो शिरोमणि अकाली दल के साथ इनैलो का गठबंधन होने से खासकर सिरसा इलाके में सिख वोटरों का झुकाव इनैलो की तरफ रहा,यही वजह है कि 2009 में इनैलो को सिरसा जिला की 5 में से 4,जबकि 2014 में सभी 5 सीटों पर जीत दर्ज हुई और सिरसा संसदीय सीट भी इनैलो के खाते में गई।

खास बात यह है कि समारोह में विभिन्न संस्थाओं की पैरवी करने वाले सिख समुदाय के ओहदेदारों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तारीफ की और पूर्व की सरकारों की आलोचना से भी परहेज नहीं किया। सिख समुदाय के एक वक्ता ने तो यहां तक कह डाला कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बड़े पैमाने पर बाबा नानक का प्रकाशोत्सव मनाकर सिख समुदाय की भावनाओं का ख्याल रखा है। ऐसे में वे चाहते हैं कि अगले 10 साल तक वे ही प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहें। खैर अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में सिख वोटर्स किस पार्टी की तरफ झुकाव करता है?

सिख धर्म के संस्थापक और सिख धर्म के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर रविवार को हुए राज्यस्तरीय समारोह को बेशक मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सियासत से दूर रखा,लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले हुआ यह समारोह सियासत से अछूता भी नहीं रहा। मुख्यमंत्री ने जहां सिख समुदाय के  लिए म्यूजियम बनाने,धर्मशाला बनाने,पंजाबी अध्यापकों की भर्तियां करने जैसी महत्वपूर्ण घोषणाएं की,वहीं उन्होंने विपक्ष पर भी इशारों ही इशारों में हमला किया। 

उन्होंने कहा कि पहले सरकारी खजाने में टांके लगाने का रिवाज था जिसे भाजपा ने 5 वर्ष में समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह डाला कि पहले हरियाणा में स्वयं के स्वार्थ के लिए और अपना घर भरने के लिए सरकारी खजाने में लूट की भी परम्परा थी,भाजपा ने इस प्रथा को भी बंद कर दिया है। प्रदेश में 35 सीटों पर सिख समुदाय निर्णायक भूमिका में सियासी पर्यवेक्षकों का मानना है कि सिरसा,करनाल,अम्बाला,कुरुक्षेत्र सहित हरियाणा में कुल मिलाकर 35 सीटों पर सिख समुदाय निर्णायक भूमिका में हैं।

ऐसे में समारोह के आयोजन से कहीं न कहीं भाजपा को सियासी लाभ हो सकता है। गौरतलब है कि प्रदेश में अक्तूबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं और ठीक इसी बीच इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के गृह क्षेत्र में मुख्यमंत्री लगातार सक्रिय हो रहे हैं। सियासी पर्यवेक्षक मानते हैं कि सिरसा जैसे सिख समुदाय वाले प्रभावी क्षेत्र में इस तरह के आयोजन से आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को फायदा भी मिल सकता है। 


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Edited By

Naveen Dalal

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