फर्जी दस्तावेज लगाने पर एमसीजी के ठेकेदार पर केस दर्ज
punjabkesari.in Saturday, Dec 09, 2023 - 08:04 PM (IST)

गुडग़ांव, (ब्यूरो): नगर निगम गुडग़ांव (एमसीजी) में एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) का ठेका लेने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने पर एमसीजी के ठेकेदार पर सदर थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। पुलिस ने जेएमआईसी संजीता सिंह की कोर्ट के आदेश के बाद केस दर्ज किया। मामले में एमसीजी के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। एंटी करप्शन ब्यूरो को भी इस बारे में शिकायत दी गई है। जिस पर मामले में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ भी जल्द ही विभागीय जांच शुरू होने की संभावना है।
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पुलिस के मुताबिक, जेएमआईसी संजीता सिंह की अदालत से आदेश प्राप्त होने के बाद यह केस दर्ज किया गया है। अदालत में सेक्टर-56 की रहने वाली चेतना जोशी ने बताया था कि गांव बसई में स्थित एबीसी सेंटर में कई प्रकार की अनियमितताएं पाई गई थी। जिसके बाद तत्कालीन निगम कमिश्नर ने इस सेंटर को बंद कर दिया था। इसके बाद एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया (एडब्ल्यूबीआई) द्वारा नगर निगम अधिकारियों को कुछ गाइडलाइन उपलब्ध कराई गई थी। जिसके तहत एबीसी सेंटर का नया टेंडर जारी किया जाना था। आरोप है कि वर्ष 2020 में नगर निगम के अधिकारियों द्वारा इन गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए ऐसे व्यक्ति को टेंडर जारी कर दिया जिसके पास कोई एक्सपीरियंस ही नहीं था।
शिकायतकर्ता चेतना जोशी ने बताया कि जब उन्होंने नगर निगम द्वारा जारी किए गए टेंडर के बारे में पता लगाया और टेंडर प्राप्त करने वाले जीव दया वेलफेयर सोसाइटी के बारे में पता किया तो तो पाया कि सोसाइटी के डॉ सुनील धनखड़ द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यह टेंडर प्राप्त किया गया है। इस पर उन्होंने नगर निगम कमिश्नर को भी शिकायत दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अगस्त 2020 में एडब्ल्यूबीआई द्वारा एबीसी सेंटर में औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान एडब्ल्यूबीआई ने बोर्ड के सचिव डॉ सुजीत दत्ता, गौरी व अंजलि गोपालन को मौके पर जांच के लिए भेजा। इस दौरान सेंटर में भारी अनियमितताएं पाई गई। जिसके बाद उन्होंने एक रिपोर्ट तैयार कर बोर्ड को भेजने के साथ ही नगर निगम कमिश्नर को भी कार्रवाई के लिए सिफारिश की थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई को लेकर उन्होंने कई बार आरटीआई भी दाखिल की, लेकिन आरटीआई का भी जवाब नहीं दिया गया। जिसके बाद उन्होंने अदालत में याचिका दायर की। अब अदालत के आदेश पर सदर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।