चमत्कार: मां की ममता ने दी मौत को मात- मरे हुए बेटे को गले से लिपटा कर बचा ली जिंदगी

punjabkesari.in Friday, Jun 18, 2021 - 02:26 AM (IST)

बहादुरगढ़ (प्रवीण): हरियाणा के बहादुरगढ़ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सबको हैरान कर दिया है। लोग इसे मां की ममता की ताकत बता रहे हैं, क्योंकि जिस बच्चे को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, उसी बच्चे के वियोग में मां ने जब उसे गले से लिपटा कर रोते हुए उसे उठ जाने को कहा तो बच्चे की शरीर में जान आ गई। ऐसा वाकई में हुआ है, यह बात बच्चे के घरवालों ने खुद बताई है। सबसे बड़े सौभाग्य और संयोग की बात तो ये रही कि अगर बच्चे की दादी ने उसका मुंह देखने की जिद न की होती तो उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया जाता। हालांकि इस मामले को डॉक्टरों की लापरवाही के नजरिए से भी देखा जा रहा है।

दरअसल, बहादुरगढ़ के किला मोहल्ले के निवासी विजय शर्मा के पोते कुनाल शर्मा को 26 मई को दिल्ली के डॉक्टरों ने टाइफाइड से मृत घोषित कर दिया था और शव को पैक करके बेटे के पिता हितेश व मां जाह्नवी को सौंप दिया था। परिजनों ने बताया कि कुनाल की माता-पिता अपने छह साल के बेटे का शव लेकर चारों तरफ से निराश होकर बहादुरगढ़ अपने घर पहुंच गए थे। इधर, कुणाल के मामा के घर अंतिम संस्कार की तैयारी भी कर ली गई थी। तभी कुणाल की दादी ने जिद की कि उसको अपने पोते की शक्ल देखनी है उसे घर लाया जाए। तब कुणाल के पापा उसे घर लेकर आए।

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यहां दादी के घर मां जाह्नवी व बच्चे की ताई अन्नू ने विलाप करते हुए बार-बार प्यार से हिला कर कुणाल को जिंदा होने के लिए पुकार रही थी। इसी बीच घरवालों ने कुणाल के शरीर में कुछ हरकत देखी तो दादा विजय शर्मा को खबर की। इसके बाद पिता हितेश ने कुणाल को मुंह से सांस देना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद जब उसके शरीर में कुछ हरकत हुई तो पड़ोसी सुनील ने बच्चे की छाती पर दबाव देना शुरू किया। इस बीच बच्चे का दांत हितेश के होंठ पर चुभ गया तो मोहल्ले के लोग बच्चे को रोहतक के एक प्राइवेट अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे 15 फीसदी ही बचने की संभावना बताई, जिसके बाद वह धीरे-धीरे ठीक हो गया और मंगलवार को अपने घर पहुंच गया है।

अब बच्चे का पिता हितेश अपने मुंह पर बेटे द्वारा दिए घाव को दिखाकर बेटे की जिंदगी बचने की खुशी मना रहे हैं। बच्चे के दादा विजय शर्मा ने बताया कि पोते की मौत पर रात को नमक की बोरी व बर्फ की व्यवस्था कर दी गई थी। मोहल्लेवालों को सुबह श्मशान घाट पर पहुंचने को कह दिया था, लेकिन पोते के इस तरह जिंदा होने को वे चमत्कार बता रहे हैं। मां ने कहा कि भगवान ने उनके बेटे में फिर से सांसें डाली हैं। अब कुणाल स्वस्थ है, रोहतक अस्पताल से नानी के घर पहुंच गया है और बच्चों के साथ खेल रहा है। हालांकि अब ये देखना होगा कि अस्पताल की लापरवाही पर कोई एक्शन होता है नहीं।
 

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Content Writer

Shivam

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