पैतृक गांव पहुंचा शहीद लेफ्टिनेंट भूपेन्द्र का पार्थिव शरीर, 6 महीने पहले ही बने थे पिता (VIDEO)
punjabkesari.in Wednesday, Sep 09, 2020 - 03:54 PM (IST)
चरखी दादरी(नरेन्द्र): कश्मीर बारामूला में पाकिस्तान की ना-पाक हरकत की वजह से शहीद हुए भूपेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके पैतृक गांव बास रानिला नहीं पहुंच पाया लेकिन आज सुबह सभी लोगों का इंतजार खत्म हो गया। पाकिस्तान की और से की गयी बमबारी में शहीद भूपेंद्र सिंह का शरीर काफी क्षत-विक्षत हो गया था। शहीद भूपेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर को पहले रविवार सुबह श्रीनगर में श्रदांजलि दी गई इसके बाद में विमान से पार्थिव शरीर को नई दिल्ली लाया गया जहां से शरीर को उनके गांव पहुंचाया गया। शहीद को श्रदांजलि देने के लिए गांव के सभी लोग इक्ट्ठे हुए थे।
बता दें कि स्वर्गीय गनर भूपेन्द्र कुपवाड़ा जिले के नौगाम सेक्टर में एलओसी पर पाकिस्तान द्वारा युद्धविराम उल्लंघन के जवाब में एक पोस्ट से गोलीबारी कर रहे थे। इसी दौरान स्वर्गीय गनर भूपेंद्र ने दुश्मनों की गोली का शिकार हो गए, जिस कारण गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
23 वर्षीय स्वर्गीय गनर भूपेंद्र 26 दिसंबर 2015 को सेना में शामिल हुए थे। वे हरियाणा के भिवानी जिले के चरखी दादरी तहसील के ग्राम बास (रानीला) के रहने वाले थे, वे अपने पीछे उनकी पत्नी श्रीमती रेखा और 6 महीने का बेटा छोड़ गए हैं। भूपेन्द्र को आर्टिलरी रेजिमेंटल सेंटर में दाखिला मिला था, जहां प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वे अपनी मूल इकाई 327 मेड रेज में शामिल हो गए। इस वीर पुत्र ने दुश्मन के सामने शारीरिक और मानसिक शक्ति का प्रदर्शन किया।
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