नाना पाटेकर ने लड़ा था कारगिल युद्ध, कैसे मिली थी भारतीय सेना में एंट्री ? पढ़िए दिलचस्प कहानी है

punjabkesari.in Wednesday, May 14, 2025 - 08:23 PM (IST)

डेस्कः पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत ने ऑपेरशन सिंदूर लॉन्च किया था। ऑपेरशन सिंदूर में पाक स्थित 9 आतंकी ठिकानों को ढेर कर दिया। आपको बता दें ये पहली बार नहीं है कि जब भारत और पाकिस्तान आमने सामने हुए हो। इससे पहले 1999 में कारगिल की जंग में भारतीय सेना ने पाकिस्तानियों को हरा कर खदेड़ दिया था। वहीं, भारत की सिनेमा जगत का एक ऐसा एक्टर भी है जो कारगिल जंग का हिस्सा रह चुका है। वो और कोई नहीं, बल्कि बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर नाना पाटकेर हैं। इस बात का खुलासा नाना पाटेकर ने अमिताभ बच्चन के शो केबीसी में किया था। नाना ने कहा था कि वह कारगिल जंग के दौरान सेना की क्विक रिस्पॉन्स टीम का हिस्सा थे।

एक्टर नाना पाटेकर ने कहा कि उस समय सेना ने उन्हें मानद कैप्टन के रूप में ज्वॉइन किया था। कारगिल जंग के दौरान वह मुगलपुरा, सोपोर, बारामुला, कुपवाड़ा और द्रास जैसे जंगी क्षेत्र में तैनात थे। बता दें कि नाना पाटेकर एलओसी पर सेना अस्पताल में जवानों की देख-रेख भी करते थे। जब नाना पाटेकर कारगिल जंग में शामिल हुए तो लोगों के जहन में एक ही सवाल आया था कि वह एक एक्टर हैं और उन्हें सेना में एंट्री कैसे मिल गई। तो आइए जानते हैं इसके बारे में....

जानें सेना में कैसे मिली नाना पाटेकर को एंट्री 

सेना में एंट्री में नाना को कैसे एंट्री मिली इसको लेकर उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि जब मैंने जंग में शामिल होने के लिए अनुमति मांगी तो मना कर दिया गया। फिर मेरे से कहा गया कि रक्षा मंत्री के कहने पर ही जंग में भेजा और सेना में शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उस वक्त जॉर्ज फर्नांडिस देश के रक्षा मंत्री थे और मेरे दोस्त भी थे। इसलिए मैंने उनको फोन किया और जंग पर जाने की अनुमति मांगी। फिर उन्होंने भी मुझे मना कर दिया। 

नाना पाटेकर ने कहा कि मैंने कहा कि कमीशन के लिए 6 महीने की ट्रेनिंग होती है, लेकिन मैंने तीन साल की ट्रेनिंग की है। उन्होंने कहा कि फिल्म प्रहार के दौरान मैंने मराठा लाइट इन्फेंट्री में ट्रेनिंग ली थी। इतना जानने के बाद रक्षा मंत्री ने मेरे से पूछा कि कब जाना चाहते हो। इसके बाद मैंने सेना की क्विक रिस्पॉन्स टीम में मानद कैप्टन के रूप में ज्वॉइन कर ली। उन्होंने आगे कहा कि मैंने जंग में वर्दी को बड़े गर्व के साथ पहना और जब वह कारगिल जंग में गए थे तो उनका वजन 76 किलो था और जब लौटे तो 56 किलो वजन रह गया था।

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Content Editor

Deepak Kumar

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