दुविधा में बहादुरगढ़ के छात्र ! शहर में पहली बार हुई थी नीट परीक्षा, अब लग रहे पक्षपात के आरोप
punjabkesari.in Thursday, Jun 20, 2024 - 03:51 PM (IST)
बहादुरगढ (प्रवीण कुमार धनखड़): हरियाणा के झज्जर जिले के बहादुरगढ में तीन सेंटरों पर पहली बार नीट की परीक्षा का आयोजन हुआ था और पहली बार में ही विवादों से बड़ा नाता भी जुड़ गया। हरदयाल स्कूल में परीक्षा देने वाले छात्रों को ग्रेस मार्क्स मिलते ही परीक्षा परिणाम ही प्रभावित हो गया। जिसके बाद पूरे देश से छात्रों का विरोध और गुस्सा फूट पड़ा। हरदयाल स्कूल में परीक्षा देने वाले चार छात्रों ने 720 में से 720 अंक हासिल कर लिए थे।
दरअसल पूरा मामला NTA द्वारा पेपर के दो सेट भेजने के कारण हुआ है। लापरवाही के चलते हरदयाल और विजय स्कूल में बैंकों से आये दोनों पेपर बांट दिए गए। लेकिन करीबन 25 मिनट बाद एक पेपर वापिस लेकर दूसरा पेपर करने को कह दिया। जिसके कारण बच्चों का टाइम वेस्ट हो गया। हरदयाल स्कूल और विजय स्कूल में परीक्षा देने वाले छात्रों ने इसकी शिकायत NTA को की, लेकिन ग्रेस मार्क्स केवल हरदयाल स्कूल के परीक्षार्थियों को ही दिए गए। जिसके बाद विजय स्कूल में परीक्षा देने वाले छात्र ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगा दी।
दोबारा परीक्षा करवाने की मांग
याचिकाकर्ता ने अपने वकील के मार्फ़त ग्रेस मार्क्स देने या फिर दोबारा परीक्षा करवाने की मांग की है। याचिकाकर्ता के वकील जितेंद्र ने बताया कि दिल्ली हाइकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा है जो एक दो दिन में आ सकता है। उन्हें उम्मीद है कि विजय स्कूल के परीक्षार्थी छात्रों को भी दोबारा परीक्षा का मौका मिलेगा।
बाकी स्कूलों पर भी उठाए सवाल
एडवोकेट जितेंद्र ने बताया कि उसके बेटे पुष्पम ने भी विजय स्कूल में परीक्षा दी थी। उनका 25 मिनट टाइम वेस्ट हुआ था और मानसिक परेशानी अलग। इसके लिए परिणाम जारी होने से पहले भी उन्होंने ग्रेस मार्क्स या फिर दोबारा एग्जाम के लिए याचिका लगाई थी। जिस पर NTA ने 10 दिन में समाधान की बात कोर्ट को कही थी। लेकिन NTA ने केवल हरदयाल स्कूल के छात्रों को ग्रेस मार्क्स देकर परिणाम जारी कर दिया। जिसके बाद उन्हें दोबारा कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। उन्होंने झज्जर के नीट कॉर्डिनेटर एस आर सेंचुरी स्कूल के प्रिंसिपल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एस आर सेंचुरी स्कूल में कोई गड़बड़ क्यों नहीं हुई जबकि तीन में से दो सेंटरों पर गड़बड़ हो गई। नीट कॉर्डिनेटर ने सही से काम नहीं किया इसलिए ये स्थिति पैदा हुई। एडवोकेट जितेंद्र ने सरकार ने नेट परीक्षा की तरह नीट परीक्षा भी रद्द कर दोबारा करवाने की मांग की है। हालांकि अब उनकी सारी उम्मीदें दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है।
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