राइट टू सर्विस : जुर्माना राशि अधिकारियों को अपने वेतन से भरनी होगी
punjabkesari.in Friday, Sep 10, 2021 - 10:36 AM (IST)

रेवाड़ी (योगेंद्र सिंह) : प्रदेश में राइट टू सर्विस यानि सेवा का अधिकार के तहत अब काम में लापरवाही बरतना अधिकारियों व कर्मचारियों पर भारी पड़ सकता है। सेवाएं प्रदान करने में देरी करने वाले अधिकारी-कर्मचारी पर आयोग के मुख्य आयुक्त 20 हजार रुपए तक का जुर्माना कर सकते हैं। यह जुर्माना राशि संबंधित को अपने वेतन से भरनी होगी। विशेष बात यह है कि जिस भी अधिकारी या कर्मचारी पर तीन पैनल्टी लग गई तो आयोग उसे नौकरी से बर्खास्त करने की सरकार से सिफारिश करेगा।
यही नहीं पीडि़त आवेदक को भी आयोग पांच हजार रुपए तक का मुआवजा देरी के लिए दे सकता है। आयोग के फैसले के खिलाफ अपील सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही हो सकती है। वर्तमाान में सरकार के 31 विभागों की 546 सेवाएं एवं योजनाएं सेवा का अधिकार अधिनियम 2014 के तहत अधिसूचित है।
यदि किसी को कोई शिकायत है या सुझाव है, तो वह rtsc-hry@gov.in पर ईमेल कर सकते हैं। आयोग ने हाल ही में ऑटोमैटिड अपील सॉफ्टवेयर आस की शुरूआता भी की है। इससे व्यक्ति के आवेदन पर निर्धारित अवधि में काम नहीं होने पर शिकायत अपने ाअप उच्च अधिकारी के पास अपील में चली जाएगी। नागरिकों को समय पर सेवा उपलब्ध न होने पर रेवाड़ी से चंडीगढ़ तक बैठे अधिकारियों की जवाबदेही तय है।