पूर्व विधायक रामकिशन गुर्जर की सजा पर रोक, पत्रकार सुसाइड के केस में हैं दोषी

punjabkesari.in Wednesday, May 10, 2017 - 05:55 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरनी): पूर्व सीपीएस एवम् नारायणगढ़ से विधायक रामकिशन गुर्जर द्वारा पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में  दायर याचिका दायर कर ली तथा निचली अदालत से हुई सजा निलंबित कर दी है। हाइकोर्ट के द्वारा बुधवार को सुनाए इन आदेशों से अब गुज्जर के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है

पत्रकार पंकज खन्ना सुसाइड केस में नारायणगढ़ के पूर्व विधायक राम किशन गुज्जर ने अंम्बाला की जिला अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। गुर्जर ने अपनी अर्जी में कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने उनके मामले में सजा सुनाते हुए तथ्यों पर सही तरीके से विचार नहीं किया। इसके अलावा जो गवाह पेश किए गए थे वह क्रॉस एग्जामिनेशन के लिए याचिकाकर्ता के पास उपलब्ध नहीं थे।

ऐसे में ट्रायल कोर्ट के निर्णय को सही करार नहीं दिया जा सकता। याची ने कहा कि सजा के खिलाफ अपील की थी। गुज्जर ने इससे पहले जिला अदालत के फैसले को चुनौती दी थी जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और साथ ही गुर्जर को पीड़ित पक्ष को 500000 रुपए मुआवजा देने के निचली अदालत के आदेशों पर भी रोक लगा दी थी।

यह हैं मामला 
10 जून 2009 को नारायणगढ़ निवासी पंकज खन्ना ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी। मरने से पहले उसने एक सुसाइड नोट लिखा था। जिसमें उसने पूर्व विधायक राम किशन गुर्जर उनके सहयोगी मेकी लाला और अजीत अग्रवाल को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था। नारायणगढ़ पुलिस ने सुसाइड नोट और यशपाल खन्ना की शिकायत के आधार पर मैकी लाला, अजीत अग्रवाल के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया था।

पुलिस ने राम किशन गुर्जर को खाना नंबर-2 में रखा था। वर्ष 2012 में शिकायतकर्ता एंव मृतक के पिता यशपाल खन्ना की मौत हो गई थी। जिसका फायदा राम किशन गुर्जर को सुप्रीम कोर्ट से मिला था। पहले इकलौता भाई और बाद में पिता की मौत से हताश होने के बावजूद बहन प्रीति खन्ना ने राम किशन गुर्जर के खिलाफ लड़ाई जारी रखी।


 


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