रेलवे अधिकारियों ने मांगा 25 फरवरी तक का समय, ग्रामीणों का धरना जारी

punjabkesari.in Sunday, Feb 16, 2020 - 01:36 PM (IST)

जींद (ब्यूरो): 3 साल से बंद पड़े लुदाना-मोरखी सड़क मार्ग को खुलवाने के लिए लुदाना, मोरखी, गांगोली और दूसरे कई गांवों के लोगों का लुदाना में रेलवे अंडरपास के नजदीक धरना शनिवार को 7वें दिन भी जारी रहा। बंद रास्ता खुलवाने के लिए जंग लड़ रहे ग्रामीणों के 20 फरवरी को जींद-सोनीपत रेलवे ट्रैक पर रेल यातायात रोक देने के अल्टीमेटम को गंभीरता से लेते हुए शनिवार को रेलवे के कुछ अधिकारी लुदाना में धरना स्थल पर पहुंचे। अधिकारियों ने समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों से 25 फरवरी तक का समय मांगा। इस पर ग्रामीणों ने अधिकारियों को 25 फरवरी तक का समय देते हुए कहा कि तब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह 26 फरवरी को रेल रोक देंगे। 


7वें दिन धरने पर रेलवे के सीनियर सैक्शन इंजीनियर सुरेंद्र गोयल, सहायक मंडल अभियंता प्रतीक यादव, आर.पी.एफ. के एस.एच.ओ. सुरेश, सब इंस्पैक्टर राजकुमार आदि पहुंचे। रेलवे अधिकारियों ने ग्रामीणों से इस मसले पर बातचीत की और कहा कि जब तक रेलवे अंडरपास पर पानी भरा हुआ है, तब तक दोनों तरफ लोहे के एंगल लगाकर इस रास्ते को बंद कर दिया जाएगा ताकि कोई हादसा नहीं हो। रास्ता बंद होने के बोर्ड भी लगा दिए जाएंगे। रेलवे अधिकारियों ने ग्रामीणों से कहा कि अंडरपास रोड की सीङ्क्षलग करवा दी जाएगी जिससे यहां पानी नहीं भरेगा लेकिन ग्रामीणों ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सीङ्क्षलग से समस्या का समाधान नहीं होगा।   

 धरने पर बैठे ग्रामीणों ने शनिवार को रेलवे अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों ने कहा कि रविवार को वह रेलवे अंडरपास रोड पर भरे पानी में जल योगासन करेंगे। 
इससे भी बात नहीं बनी तो वह जल सत्याग्रह के तहत अंडरपास रोड पर भरे पानी में धरना शुरू कर देंगे। अब जो भी हो, वह रेलवे अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता से
3 साल से बंद चले आ रहे रास्ते को खुलवाकर ही दम लेंगे। इस रास्ते के बंद हो जाने से लगभग एक दर्जन गांवों के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मौके पर अशोक, जयसिंह, उमेद, रामदिया, सेवा, विक्की, घन्ना, भरथा सिंह, टेका राम, रिसाला, भिड़ताना गांव के ब्रह्मा, प्रेम, धर्मा, हुकमा, अंतू, फत्ता, रतना व जिले सिंह आदि शामिल थे।
 


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Isha

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