घणा कसूता निकला एक साल, माफियाओं का रहा बोलबाला... हरियाणा सरकार पर रणदीप सुरजेवाला का हमला

punjabkesari.in Friday, Oct 17, 2025 - 06:37 PM (IST)

डेस्कः हरियाणा की नायब सैनी सरकार के बने हुए आज एक साल हो गया है। इसको लेकर प्रदेश में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। दूसरी ओर कांग्रेस ने एक साल पूरा होने पर सरकार पर हमला किया। इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि एक साल में हरियाणा: अपराध, माफियाओं का बोलबाला, किसान-युवाओं व वंचितों पर सियासी लूट  जनता पूछ रही है, यह सरकार किस लिए है? उन्होंने हरियाणवी भाषा में कहा कि घणा कसूता निकला एक साल माफिया और गुंडों का खेल बेमिसाल; किसान की फसल बर्बाद, दलितों के अधिकार कुचले, युवा बेहाल। चारों ओर भ्रष्टाचार व सत्ता के दलाल यह सरकार ‘कुशासन’ की मूर्त प्रतिमूर्ति बन चुकी है।

‘‘ना’’ - ‘‘य’’ - ‘‘ब’’ = ‘‘नायब का एक साल’’

ना — नाकाबिलियत

— यातना

— बर्बादी

नायब सरकार के ये 10 घणा कमाल 

आगे उन्होंने नायब सैनी सरकार के 10 कमाल भी बताएं, जिसके जरिए सरकार पर हमला किया, जिसमें...

हरियाणा बन गया ‘गैंगलैंड’

हत्या, रंगदारी, डकैती, धमकी और गैंगवार हर कोने में फैले हुए हैं। दिनदहाड़े फायरिंग व धमकियों के वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार फैलते हैं। सत्ता और संगठित अपराध के गठजोड़ ने कानून व्यवस्था को समाप्त कर दिया है।

खनन-माफिया व पहाड़ों की तबाही

प्रदेश की प्राकृतिक संपदा लूट जा रही है — खनन, रेत, जल और जंगलों की अनियंत्रित कटाई। नूंह में कथित तौर पर करोड़ों के पहाड़ फटाने जैसे आरोप चिंताजनक हैं; यमुना की धारा मोड़ने और इकोसिस्टम को नुक़सान पहुंचाने की घटनाएँ सामने आई हैं।

ड्रग्स की दीमक — युवा प्रभावित

नायब सरकार के एक साल में ड्रग्स माफियाओं का बोलबाला बढ़ा। पिछले कुछ वर्षों के नशा-सम्बंधी आंकड़े चिंताजनक हैं और नशे के इलाज केन्द्रों में भी भारी इजाफा दर्ज हुआ है।

शिक्षा-व्यवस्था में धांधली — पेपर-लीक और भर्ती घोटाले

परीक्षाओं और भर्ती प्रक्रियाओं में लगातार गड़बड़ी, पेपर लीक और नकल माफियाओं का बोलबाला। HPSC/HSSC में हेराफेरी के आरोप, बोर्ड व विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में स्कैंडल ने युवाओं का भविष्य धूमिल कर दिया है।

बाढ़ में सरकार गायब 

बाढ़ प्रबंधन और राहत में कोताही—किसानों की फसलें, पशुपालन और घर-बार बर्बाद हुए; घोषित मुआवज़े का लाभ जनता तक नहीं पहुँचा।

कृषि संकट — MSP और खाद की कमी

MSP पर फसल नहीं बिक रही, खरीदी का अभाव और खाद की कालाबाज़ारी से किसान परेशान। उर्वरक (DAP, यूरिया) की कमी व लंबी कतारों ने किसान के हालात बिगाड़ दिए हैं।

वसूली व कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी

03 अगस्त, 2025 से अनाप-शनाप कलेक्टर रेट वसूली के कारण हरियाणा की जनता पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा — सालाना अनुमानित वसूली करोड़ों में बताई जा रही है।

बिजली दरों की मनमानी बढ़ोत्तरी

16 जनवरी, 2025 से फ्यूल सरचार्ज और 01 अप्रैल, 2025 से दरों में वृद्धि ने उपभोक्ताओं पर भारी असर डाला — छोटे घरों से लेकर कृषि ट्यूबवेल तक सभी पर अतिरिक्त बोझ पड़ा।

युवाओं का पलायन, बेरोजगारी

बढ़ती बेरोजगारी और अवसरों के अभाव ने युवाओं को विदेश या दूसरे राज्यों में जाने पर मजबूर कर दिया है — यह हरियाणा की भारी क्षति है।

सामाजिक-सद्भाव में दरारें

जान-परिचित तरीके से भाईचारा तोड़ने की कोशिशें, सामाजिक विभाजन और प्रशासनिक पक्षपात ने राज्य की एकता को चुनौती दी है। जनता और अफसरों का विश्वास समाप्त हुआ दिखता है। यह कोई ‘घणा कमाल’ नहीं यह घणे सवाल हैं जिनका जवाब हरियाणा की जनता भाजपा सरकार से मांग रही है। राज्य के हर वर्ग किसान, युवा, दलित, आम नागरिक का भरोसा बहाल करने के लिए जिम्मेदार सरकार जवाब दे।

आवाज उठाने का आह्वान

हम हरियाणा व भारत के नागरिकों से अपील करते हैं कि वे इस अपूर्ण, अनुत्तरदायी प्रशासन के खिलाफ आवाज़ उठाएँ और न्याय, सुरक्षा व विकास की वास्तविक मांग करें।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Deepak Kumar

Related News

static