गलत बिजली बिलिंग पर राइट टू सर्विस कमीशन की सख्त कार्रवाई, इतने गुना बढ़ाया गया मुआवजा

punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 11:02 AM (IST)

चंडीगढ़ : हरियाणा राइट टू सर्विस कमीशन ने गलत औसत बिलिंग के मामलों में कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया है कि अब आर.ए.पी.डी. आर.पी. सिस्टम को लगातार बहाना मानना स्वीकार्य नहीं होगा। आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2024 में कार्य-निष्पादन में सुधार दिखने पर इस श्रेणी की समीक्षा अस्थायी रूप से रोकी गई थी, लेकिन हाल ही में बड़ी संख्या में आए मामलों ने आयोग को पुनः सक्रिय समीक्षा पर विचार करने को मजबूर किया है।

प्रकरण की सुनवाई के दौरान महेंद्रगढ़ उपभोक्ता ने बताया कि उसका घरेलू कनैक्शन सामान्यतः 600-650 यूनिट की औसत रीडिंग देता है, परंतु मई 2025 में उसे लगभग 41,000 रुपए का अत्यधिक बिल जारी कर दिया गया। उपभोक्ता ने इसे एकमुश्त जमा करने में असमर्थता जताई। वहीं, उपमंडल अधिकारी बिल को 2021 से ओवरहॉल करने का ठोस कारण प्रस्तुत नहीं कर सके, जबकि रीडिंग एजेंसी ने 2023 से रीडिंग बंद कर दी थी। आयोग ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों का समाधान प्रभागीय स्तर पर हो जाना चाहिए था।

आयोग ने ध्यान दिलाया कि औसत बिलिंग पर नीति बनाने के लिए पहले ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं, जिसकी संशोधित समय सीमा 31 दिसम्बर, 2025 निर्धारित है। आयोग ने आशा जताई है कि निगम शीघ्र प्रभावी नीति लागू करेगा। निर्णय में आयोग ने कहा कि उपभोक्ता को जारी 8 गलत बिलों पर जो मुआवजा दिया गया था, वह वास्तविक असुविधा का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं करता। आयोग ने पाया कि 23 बिलिंग चक्र प्रभावित हो सकते थे, जिनके आधार पर मुआवजा कहीं अधिक बनता। एस.जी.आर.ए. के दृष्टिकोण को अपनाते हुए आयोग ने मुआवजा बढ़ाकर 8,000 रुपए (प्रति बिलिंग चक्र 1000 रुपए) करने का आदेश दिया है। निगम आवश्यकता अनुसार यह राशि संबंधित दोषी कर्मियों या मीटर रीडिंग एजेंसी से वसूल सकेगा।

उपभोक्ता को अपने बैंक विवरण निगम के प्रबंध निदेशक एवं आयोग को भेजने निर्देशित किया गया है, ताकि मुआवजा भुगतान सुनिश्चित हो सके। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक को आदेश दिया गया है कि भुगतान का अनुपालन कर 26 दिसम्बर, 2025 तक आयोग को रिपोर्ट भेजें।

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Content Writer

Manisha rana

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