सरिता ने सांझा किया गोल्ड न जीत पाने का गम, बोलीं- अपने वेट में खेलती तो गोल्ड जीत जाती
punjabkesari.in Sunday, May 14, 2017 - 11:52 AM (IST)
सोनीपत:एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप के लिए जिस तरह अोलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक के लिए फेडरेशन ने सरिता की मेहनत को दरकिनार करते हुए अचानक 58 किलो में खेलने का फैसला सुनाया, उस पर अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं। एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में सरिता ने सिल्वर मेडल जीता। इस जीत के बाद सरिता ने दिल की बात बताते हुए कहा कि वजन घटाने को लेकर 24 घंटे भूखी रही, उल्टियां भी हुई अगर अपने वेट कैटेगरी में खेलती तो देश को सोना दिलाती।
चेंपियनशिप शुरू होने से 2 दिन पहले वेट कैटेगरी बदलने से उसका सारा ध्यान प्रैक्टिस को छोड़कर वजन कम करने पर आ गया। वहीं विशेषज्ञों का भी कहना है कि सरिता अपने वेट में लड़ती तो वह देश को गोल्ड दिला सकती थी। दरअसल सरिता ने एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप के लिए 60 किलो भार वर्ग में क्वालिफाई किया था। जिसकी वह नियमित प्रैक्टिस भी कर रही थी। फेडरेशन ने 2 दिन पहले उसे 58 किलो भार वर्ग में खेलने के लिए कह दिया। वेट कम करना भी एक चुनौती है। सरिता ने इस चुनौती को स्वीकार कर देश के लिए चांदी जीती। सरिता के पति अंतर्राष्ट्रीय पहलवान राहुल मान का भी कहना है कि कि इस तरह अचानक वेट कम करने के फैसले से सरिता के खेल में असर पड़ा है। ऐसे में प्रैक्टिस को अौर खाना छाड़ना अौर बीमार होने से खेल पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरिता के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था।
योगेश्वर दत्त का कहना है कि सरिता तो 60 की जगह 58 किलो भार वर्ग में खिलाने पर उसके खेल पर असर पड़ा या नहीं ये तो मैं नहीं कह सकता, लेकिन उसकी जगह मैं होता तो मेरे खेल पर असर जुरुर पड़ता।
2 दिन तक रोटी को हाथ भी नहीं लगाया
सरिता ने वजन कम करने के लिए रोजाना 6 बजे की बजाय 5 बजे उठना शुरू कर दिया। उन्होंने मैच प्रैक्टिस की बजाय वजन कम करने पर जोर दिया। सरिता का कहना है कि उसने वैट बढ़ाने वाली सभी चीजें छोड़ दी, इतना ही नहीं सरिता ने चैंपियनशिप शुरू होने से 24 घंटे पहले खाना छोड़ रखा था। उसने दो दिन तक रोटी को हाथ भी नहीं लगाया था। एक दिन हल्का फुल्का अौर दूसरे दिन बिना खाए रही। जिसके चलते दो बार उसकी तबीयत भी बिगड़ी अौर उसका इलाज भी करवाया गया।
एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप के लिए मार्च में पहले लड़कों अौर अगले दिन लड़कियों का ड्रायल हुआ था। इसमें 58 किलों में मंजू ने क्वालिफाई किया था। फेडरेशन ने साक्षी को शादी में व्यस्त रहने की बात कहते हुए ड्रायल का मौका दिया अौर मंजू से उसकी कुश्ती करवाई। साक्षी को 60 किलो में खिलाने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि जब ट्रायल के समय साक्षी का वजन 60 किलो था तो उसका ट्रायल 58 किलो में मंजू के साथ कैसे कराया गया?